रक्षामंत्री, लोकसभा अध्यक्ष व सीएम ने आध्यात्मिक महोत्सव में किया प्रतिभाग
हरिद्वार/देहरादून। Our honor and respect remain connected to our culture रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कनखल स्थित हरिहर आश्रम में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आचार्य पीठ पर पदस्थापन के 25 वर्ष पूर्ण होने एवं दत्त जयंती के अवसर पर आयोजित आध्यात्मिक महोत्सव में प्रतिभाग किया।
आध्यात्मिक महोत्सव में सभी सन्तजनों को प्रणाम करते हुये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आचार्य पीठ पर पदस्थापन के 25 वर्ष पूर्ण होने के दायित्व निर्वहन कार्यकाल पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिसका मन बड़ा होता है, वही आध्यात्मिक होता है। यह कार्य छोटे मन का नहीं कर सकता है तथा जो बड़ा मन का है, वही समाज को दिशा दे सकता है एवं यहां सब बड़े मन के व्यक्ति बैठे हैं।
हरिद्वार में आयोजित ‘दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव’ में भारत के सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रनिर्माण में संतों की भूमिका पर आज चर्चा करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। भारत की संस्कृति की समृद्धि और संरक्षण के लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। pic.twitter.com/MVBQ6qWWac
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 25, 2023
उन्होंने कहा कि मन जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, उसका आनन्द भी बढ़ता जाता है तत्पश्चात वह धीरे-धीरे परमानन्द की प्राप्ति करता है। रक्षा मंत्री ने आध्यात्मिक महोत्सव में बैंकिंग चन्द्र चटर्जी के उपन्यास आनन्द मठ का उल्लेख करते हुये कहा कि किस प्रकार से संन्यासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया था।
उन्होंने कहा कि संन्यासियों का देश की सामाजिक, सांस्कृतिक व्यवस्था से हमेशा जुड़ाव रहा है तथा जब भी आवश्यकता पड़ी उन्होंने इनके उत्थान में बड़ा योगदान दिया। उसी की वजह से हम अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मान-सम्मान हमारी संस्कृति से जुड़े रहने पर ही है, जिसके लिये हमारे सन्तों का हमें पूरा सहयोग मिलता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि राजा अपना काम ठीक से करे, इसकी समीक्षा करने का अधिकार साधु-सन्तों को ही है। उन्होंने कहा कि जब कोई संत बनता है तो वह सबसे पहले अहम को त्यागते हुए वयम् को अपनाता है तथा वह जो भी कार्य करता है चराचर जगत के लिये करता है तथा पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है। इसलिये बसुधैव कुटुम्बकम की भावना को देने का श्रेय संन्यासियों को है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये राजनाथ सिंह ने कहा कि उनके नेतृत्व में भारतीय सांस्कृतिक विरासत के उन्नयन एवं समृद्धि के लिये निरन्तर कार्य किये जा रहे हैं, जिनमें काशी कॉरिडोर, उज्जैन, अयोध्या में राम मन्दिर, केदारनाथ मन्दिर परिसर में कार्य कराया जाना आदि प्रमुख हैं।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आध्यात्मिक महोत्सव में सभी को नमन करते हुये कहा कि जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने तप, तपस्या तथा आध्यात्मिक मूल्यों का संरक्षण करते हुये लाखों सन्तों को दीक्षा दी तथा देश व दुनिया में वे संस्कृति के वाहक के रूप में प्रख्यात हैं तथा उनका ज्ञान दिव्य अनुभूति देता है।
उन्होंने कहा कि जितने भी सन्त यहां विराजमान हैं, उन्होंने अपने जीवन को समर्पित करते हुये चुनौतियों व कठिनाइयों से लड़ने का ज्ञान दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोस्वामी तुलसीदास जी के रामचरितमानस की पंक्ति-सन्त समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ होय…. का उल्लेख करते हुये दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में सभी सन्तों आदि को नमन किया।
उन्होंने जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके व्यक्तित्व में चुम्बकीय तत्व हैं, जो भी उनके सम्पर्क में आता है, तो वह उनकी ओर खींचा चला जाता है। उन्होंने कहा कि आज यहां समृद्ध सन्त परम्परा का एक साथ दर्शन हो रहे हैं, जो वसुधैव कुटुम्बकम् को चरितार्थ कर रहा है। उन्होंने कहा कि आचार्य जूनापीठाधीश्वर भारत को विश्वगुरु के पद पर प्रतिस्थापित करने के लिये निरन्तर प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह उत्सव आध्यात्मिक जागरण के क्षेत्र में नई पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करेगा।
आध्यात्मिक महोत्सव को महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि, पूज्य स्वामी चिदानन्द मुनि, स्वामी रामदेव, सुधांशु त्रिवेदी, सुरेश चैहान आदि ने भी सम्बोधित किया। मंच का संचालन स्वामी हरिचेतनानन्द ने किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का हरिद्वार पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं विशिष्ठजनों ने भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर जगत गुरू स्वामी राजराजेश्वराश्रम, निर्वाणी पीठाधश्वर, अटल पीठाधीश्वर, स्वामी अपूर्वानन्द जी महाराज, दिनेश, पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद महेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, गणेश जोशी, नगर विधायक मदन कौशिक, आचार्य बाल कृष्ण, डॉ0 प्रणव पाण्डया, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, राजेश अग्रवाल, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री महेन्द्र सिंह, अशोक चौहान, अजय कुमार, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, सुरेश राठौर, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, शोभाराम प्रजापति, उपाध्यक्ष लव शर्मा, आशू चौधरी, मैत्रेय पाणी, मालिनी अवस्थी, देश-विदेश से आये हुये साधु-सन्त, आध्यात्मिक जगत से जुड़े हुये विशिष्ठजन सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।