जलवायु-संबंधित पहलों के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता
देहरादून। UPES hosts Sustainability Impact Summit यूपीईएस देहरादून स्थित मल्टीडिसप्लनेरी विश्वविद्यालय ने हाल ही में एस्पायर रिट्रीट एंड कन्वोकेशन एआइसी 2024 के पांचवें संस्करण का समापन किया, जो एस्पायर सर्कल का द्विवार्षिक कार्यक्रम है, जो भारत के सामाजिक और पर्यावरण प्रभाव लीडर्स का एक प्रमुख फैलोशिप है।
एक शानदार मंच तैयार करते हुए, एस्पायर सर्कल प्रसिद्ध साथियों और कम्युनिटी लीडर्स को एक साथ लाया। एस्पायर सर्कल सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव क्षेत्र में भारत कि प्रभाव नेतृत्व क्षमताओं को बढ़ने में सक्रिय रूप से योगदान देता है।
इस चार दिवसीय कार्यक्रम में कई प्रकार के सेशन शामिल थे, जिनमें सामयिक विषयों पर बहस और पैनल शामिल थे, जैसे भारत में जलवायु-संबंधित पहलों के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता, एक पालन-पोषण की अर्थव्यवस्था और, सामाजिक प्रभाव क्षेत्र का भविष्य।
प्रतिष्ठित पर्यावरणविद् और अशोक फेलो, पद्म भूषण, डॉ. अनिल पी. जोशी ने ‘द क्लाइमेट इम्पेरेटिव’ पर एक प्रभावशाली मुख्य भाषण दिया, जिसमें जंगलों और पानी पर ध्यान देने के साथ ग्रामीण कायाकल्प पर जोर दिया गया। नेतृत्व पर एक कार्यशाला का नेतृत्व टाटा मोटर्स के पूर्व वाईस चेयरमैन और सीईओ रवि कांत ने किया और नॉन-प्रॉफिट क्षेत्र में नेतृत्व पर एक वार्ता मैगसेसे पुरस्कार विजेता, गूंज के संस्थापक और निदेशक अंशू गुप्ता ने दी।
कार्यक्रम के समापन पर यूपीईएस के कुलपति डॉ. राम शर्मा ने एस्पायर सर्कल के नवनियुक्त गवर्नर के रूप में अपना आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त, एस्पायर सर्कल के सहयोग से यूपीईएस में एक प्रभाव केंद्र की कल्पना की जा रही है, जो सामाजिक नेतृत्व और पहल को बढ़ावा देने के लिए यूपीईएस की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।
सामाजिक जिम्मेदारी के क्षेत्र में एक सौ से अधिक प्रतिष्ठित हस्तियों और एस्पायर सर्कल फेलो कि उपस्थिति भी देखी गई, जिसमें विजय महाजन, सीईओ-राजीव गांधी फाउंडेशन, अपर्णा उप्पलुरी, सीओओ-टाटा ट्रस्ट, शोभा मीरा, वैश्विक मुख्य जिम्मेदारी अधिकारी-कैपजेमिनी, दीपाली खन्ना, एशिया-प्रशांत प्रमुख-रॉकफेलर फाउंडेशन, डॉ. रवि चोपड़ा, प्रख्यात पर्यावरणविद्, डॉ. शिखा शर्मा-प्रख्यात पोषण विशेषज्ञ और ट्रस्टी-एस्पायर सर्कल और अमित भाटिया, संस्थापक-एस्पायर इम्पैक्ट और एस्पायर सर्कल।