भाजपा सरकार के कार्यकाल में फल-फूल रहे भ्रष्टाचारी : करन माहरा

Corruption is flourishing during the tenure of BJP government
पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा।

देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने धामी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि तीन फरवरी 2025 को क्षेत्रीय प्रबंधक निदेशक वन निगम ने दोबारा मालदारी ठेकेदारी प्रथा लागू करने का पत्र जारी किया। जो सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। वहीं कोटद्वार के बनियाली क्षेत्र में रेत का ठेका एक रुपया घन मीटर के हिसाब से दिया गया है।

हरिद्वार के गेट नम्बर एक और दो में करीब 19 लाख का घोटाला पकड़ा गया। जिसमें केवल एक को सस्पेंड किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के शासन में पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है। जनहित के मामला से भाजपा सरकार का कोई लेना देना नही है।

कांग्रेस भवना में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि लालकुआं में करीब 1.51 करोड़ का घोटाला किया गया लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। माहरा ने आरोप लगाया कि लॉगिंग ऑफिसर शेर सिंह को प्रभारी बनाया वन निगम ने, जो सबसे गलत काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि खाघ विभाग में डीएम देहरादून ने छापा मारा लेकिन जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं। कुपोषित बच्चों की संख्या 430 करोड़ खर्च के बाद ढाई गुना बढ़ी। खेलों के लिए समय से तैयारियां नहीं की गई। बिना टेंडर के काम दिए। उसकी जांच सरकार कब करेगी। अगर पदक लाखों में खरीदे गए तो सरकार उसकी जांच कब करेगी।

माहरा ने कहा कि कोरोना के समय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति का घोटाला सामने आया था। 428 कर्मचारी भर्ती हुए थे। मंत्री ने एसआईटी का गठन किया था। लेकिन उसके बाद क्या कार्रवाई हुई, उसका कुछ पता नहीं। आजकल एलयूसीसी को लेकर नया मामला सामने है। कॉपरेटिव के माध्यम से महिलाओं को बरगलाया गया।

धन सिंह रावत का आरोप झूठा है। तब आचार संहिता लगी हुई थी। भाजपा की सरकार में ये संस्था आई थी। मंत्री को बताना चाहिए कि कौन जिम्मेदार हैं। उन्होने कहा कि 2022 में मंत्री धन सिंह क्या कर रहे थे। संस्था खाते खाली करके जा चुकी है। महिलाएं परेशान हैं। लोग उन पर दबाव बना रहे हैं। सहकारिता विभाग की इस मामले में पूरी गलती है। उन्होंने 2022 में केंद्र को शिकायत करके ही क्यों छोड़ दिया, अपने स्तर से कार्रवाई क्यों नहीं की।