बुनियादी ढांचे के निर्माण में इंजीनियरों का योगदान महत्वपूर्ण : महाराज

The contribution of engineers is crucial

देहरादून। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए डिप्लोमा इंजीनियरों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को अधिकारी क्लब, यमुना कॉलोनी में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, ग्रामीण निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड के दो दिवसीय नवम् महाधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कही।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल, और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण और विकास डिप्लोमा इंजीनियरों के बिना संभव नहीं है। वे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।

ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित ऐसी बसावटें, जिनकी जनसंख्या 250 तक है एवं जो मोटर मार्ग संयोजन से वंचित हैं, अथवा 250 से अधिक जनसंख्या वाली ऐसी बसावटें जो मुख्य मोटर मार्ग से 1.50 कि.मी. की पैदल दूरी के अंतर्गत होने के कारण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मानकों के अनुसार संयोजित मानी गई थीं, ऐसे सभी अवशेष बसावटों को मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना प्रारम्भ की गई।

इस योजना के क्रिन्वयनयन की जिम्मेदारी भी ग्रामीण निर्माण विभाग के इंजीनियर्स को दी गई है। मैं यह भी आशा करता हूँ आप लोग अपनी जिम्मेदारियां का भली-भांति निर्वहन करते हुए प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। इस अवसर पर डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ, ग्रामीण निर्माण विभाग के प्रान्तीय अध्यक्ष सुरेश चन्द्र जोशी, ग्रामीण निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता विभू रावत, संयुक्त सचिव अपर्ण राजू, राजीव तिवारी, जीतमर्माण पैन्यूली, आर.सी. शर्मा, विरेन्द्र गुसाई, चितरंजन जोशी सहित सभी घटक संघों के प्रान्तीय पदाधिकारी, विभाग के सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर आदिउपस्थित थे।