Private medical college will cooperate in Chardham Yatra
बदरी-केदार यात्रा का बेस कैम्प रहेगा श्रीनगर मेडिकल कॉलेज
गंगोत्री-यमुनोत्री के यात्रियों को एम्स ऋषिकेश देगा हेल्थ फैसिलिटी
देहरादून। Private medical college will cooperate in Chardham Yatra राज्य सरकार प्रदेश में चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिये बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिये तत्पर है। इसी कड़ी में सरकार ने इस बार की चार धाम यात्रा व्यवस्था में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों की सेवाएं भी लेने का निर्णय लिया है। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को संबंधित कॉलेजों के प्रबंधन तंत्र से सम्पर्क कर पूरा खाका तैयार कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय में चार धाम यात्रा को लेकर विभागीय समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि प्रदेश में आगामी 22 अप्रैल से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा में 50 लाख तक तीर्थयात्रियों के आने की सम्भावना है।
जिसको देखते हुये सरकार ने पिछले अनुभवों के आधार पर सभी यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग के अलावा राजकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल के पीजी छात्रों के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ की भी सेवाएं ली जायेंगी।
इसके लिये अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो स्वास्थ्य महानिदेशालय के साथ ही राजकीय व निजी मेडिकल कॉलेजों के साथ ही समन्वय स्थापित कर बदरीनाथ-केदारनाथ तथा यमुनोत्री-गंगोत्री सहित यात्रा मार्गों में मेडिकल टीमों की तैनाती के लिये रूट चार्ट तैयार करेंगी।
पैरामेडिकल स्टॉफ का सहयोग लिया जायेगा : Dr Dhan Singh Rawat
इस संबंध में निजी मेडिकल कॉलेजों महंत इंद्रेश मेडिकल कॉलेज, हिमालयन मेडिकल कॉलेज तथा सुभारती मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों ने चार धाम यात्रा में अपना योगदान देने के लिये सहमति दे दी है। मेडिकल कॉलेजों से विशेषकर कार्डियोलॉजिस्ट, फिजिशयन, अर्थोपेडिसियन सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्साकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ का सहयोग लिया जायेगा।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा का मुख्य बेस कैम्प मानते हुये यहां पर उच्च स्तरीय कार्डिक यूनिट तैयार की जायेगी जिसका संचालन दक्षिण भारत की प्रमुख संस्था मेडिट्रिना हेल्थ केयर ने संभालने की जिम्मेदारी ली है।
इसी तरह यमुनोत्री-गंगोत्री यात्रा मार्गों के लिये एम्स ऋषिकेश में मुख्य बेस कैम्प रहेगा। डॉ. रावत ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर देहरादून के निजी अस्पतालों मैक्स हॉस्पिटल, सिनर्जी अस्पताल, सीएमआई अस्पताल, कैलाश अस्पताल, आरोग्य धाम अस्पताल के साथ ही आईएमए के चिकित्सकों का भी सहयोग यात्रा काल के दौरान लिया जायेगा।
बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक स्वास्थ्य डा. मीतू शाह, निदेशक एनएचएम डा. सरोज नैथाणी, सहित निजी मेडिकल कॉलेजों ग्राफिक एरा, महंत इंद्रेश, सुभारती, मेडिट्रीना हार्ट यूनिट देहरादून, आरोग्य धाम के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे जबकि अन्य अस्पतालों मैक्स, कैलाश, हिमालयन अस्पताल एवं एम्स के प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया।