शादी में फिजूलखर्ची से बचा जाए : शहर काजी

शादी में फिजूलखर्ची से बचा जाए : शहर काजी

Avoid extravagance in marriage

  • मुस्लिम वह है जिस के हाथ और जुबान से किसी को नुकसान न पहुंचेः मन्नान
  • मायूसी और बुजदिली इस्लाम का हिस्सा नही
  • सीरत-उन-नबी का 12वां जलसा कांवली में हुआ आयोजित

देहरादून। Avoid extravagance in marriage शादी में होने वाली फिजूल खर्ची से बचा जाए, नाच गाने से परहेज किया जाए, आन-बान शान के लियेे दिखावा करने से खुदा नाराज होता है। यह बात शनिवार रात जमीअत उलेमा-ए-हिंद की देहरादून इकाई की जानिब से सीरत-उन-नबी के उनवान से कावली मदरसे में आयोजित जलसे को संबोधित करते हुए शहर काजी व जमीअत के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी ने कही।

इस मौके पर पैगंबर मौहम्मद साहब के जीवन को आत्मसात करने और उनके बताए सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। मुफ्ति नाजिम अशरफ ने हमें चाहिए कि मौहम्मद साहब के जीवन को पढ़ा जाए, अपनी नसलों को भी उनकी शिक्षा से रूबरु कराया जाए।

मौलाना अब्दूल मन्नान कासमी सचिव प्रदेश सचिव जमीअत ने कहा कि पैगंबर साहब ने हमेशा खुद भी इंसानियत के मार्ग पर चल कर दिखाया है, और सभी को सत्य की राह पर चलने का संदेश दिया है। अल्लाह के रसूल (स.) ने मानवता का जो सबक पढ़ाया है, उसे याद कर अपने जीवन में उतारना पड़ेगा, तभी उम्मती होने का दावा किया जा सकता है।

इस मौके पर मदरसा फैजुल कुरआन कावंली के प्रबंधक मौलाना हुसैन अहमद, मुफ्ति मौहम्मद जुबैर अहमद कासमी, मौलाना मौहम्मद गुलशेर, मुफ्ति खुशनूद, मौलाना नूर इलाही, मौलाना अमानतुल्लाह, मुफ्ति एजाज मजाहिरी, मुफ्ति शाहबाज आलम, मौलाना आमिर, जमीअत के जिला उपाध्यक्ष मास्टर अब्दुल सत्तार, शहर सदर मुफ्ति राशिद, सचिव शहर जमीअत मुफ्ति अयाज अहमद जामई, कारी अब्दुस समद, मौहम्मद शाहनजर, कारी नईम, कारी शाहवेज, तौसीफ खान, सय्यद मौहम्मद अरशी, शौकीन अली, शाकिर अली व वसीम अहमद आदि मौजूद रहे।