मुस्लिम समाज ने घरों में ही पढ़ी जुमे की नमाज
जिला मुख्यालय समेत आसपास के सभी बाजार बंद रहे
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के सीमांत जिले उत्तरकाशी में गुरुवार 24 अक्टूबर को हुए बवाल के बाद जिला मुख्यालय समेत आसपास के सभी बाजार शुक्रवार को भी बंद रहे, जिस कारण आम आदमी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिले में शांति व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं शुक्रवार को मुस्लिम समाज ने मस्जिद में जुमे की नमाज भी अदा नहीं की, लोगों ने घरों पर ही नमाज पढ़ी।
उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर गुरुवार 24 अक्टूबर को बवाल हो गया था, इस दौरान पुलिस पर भी पथराव किया गया था, जिस वजह से पुलिस को भी प्रदर्शनकारियों पर लाठी-चार्ज करना पड़ी। इस दौरान कई पुलिसकर्मी समेत करीब 27 लोग घायल हुए। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी उत्तरकाशी शहर में धारा 163 लगा दी है।
संगठनों ने फिलहाल दीपावली के मध्य नजर आन्दोलन को स्थगित कर दिया है त्यौहारों के बाद महापंचायत बुलाई जाएगी। महापंचायत करने का निर्णय आगामी चार नवंबर को लिया जायेगा है। चार नवम्बर को ही आगे आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। उधर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह ने बताया कि मामले में आठ लोगों के खिलाफ नामजद नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है जबिक 150-200 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
वहीं मुस्लिम समाज के इस्तिहाक अहमद व हाजी इरशाद ने बताया कि उनकी उम्र भी करीब 43 साल की हो चुकी है, मगर उन्होंने पहली बार उत्तरकाशी जिले में ऐसा माहौल देखा है। उत्तरकाशी में सब आपस में प्यार मोहब्बत से रहते हैं। मुस्लिम समाज ने जुमे की नवाज भी अपने घरों पर ही पढ़ी है।
मस्जिद को लेकर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल ने गुरुवार 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में महारैली निकाली थी, जिसकी पुलिस-प्रशासन से अनुमति भी ली गई थी। पुलिस-प्रशासन ने रैली के लिए समय और रूट दोनों तय किए थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि रैली तय रूट पर न जाकर दूसरे मार्ग पर जा रही थी, जिसे पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका. इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, जिसके बाद पुलिस को भी एक्शन लेना पड़ा. जिला प्रशासन 21 अक्टूबर को प्रेस नोट जारी कर साफ कर चुका है कि जिस मस्जिद को लेकर उत्तरकाशी में विवाद किया जा रहा है, वो वैध है।