बच्चे का पेस मेकर बदल कर चिकित्सा क्षेत्र में रचा नया इतिहास

बच्चे का पेस मेकर बदल कर चिकित्सा क्षेत्र में रचा नया इतिहास

changing baby’s pace maker

देहरादून। changing baby’s pace maker ग्राफिक एरा अस्पताल में जटिल मामले में एक नन्हें बच्चे का पेस मेकर बदल कर चिकित्सा क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही आहार नली की रूकावट का बिना चीर फाड़ इलाज करने की नई तकनीक पोयम के जरिए 20 लोगों को ठीक करने में कामयाबी हासिल की है।

ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने पत्रकारों से औपचारिक बातचीत में उत्तराखण्ड में पहली बार ये बड़ी कामयाबियां मिलने की जानकारी दी। ग्राफिक एरा के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राज प्रताप सिंह ने बताया कि देहरादून के चार साल के बच्चे के हृदय में लगा पेसमेकर बदलने के एंडो कार्डियल के लिए राज्य में पहली बार हाईब्रिड टेक्निक इस्तेमाल की गई।

पेट में टनल बनाकर ये तीसरी जगह पेसमेकर लगाया गया है। अब काफी सालों तक शरीर का विकास होने पर भी किसी बदलाव की जरूरत नहीं होगी। डा. राज ने बताया कि पहले दिल में छेद का आपरेशन होने के बाद करीब एक साल की उम्र में इस बच्चे को पेसमेकर लगा था। उसके बाद संक्रमण होने पर पेसमेकर बदला गया था।

अब बच्चा चार साल का होने पर शरीर में वृद्धि के कारण पेसमेकर के तार छोटे पड़ने लगे और उन्हें टूटने से पहले बदलना उसकी जीवन रक्षा के लिए आवश्यक हो गया था। ऐसी स्थिति में ग्राफिक एरा अस्पताल में हाईब्रिड तकनीक से उसके कंधे के नीचे से पेट के नीचे तक एक टनल बनाकर पेसमेकर लगाया गया।

इसमें यह ध्यान रखा गया कि उम्र के साथ शरीर के विकास से पेसमेकर प्रभावित न हो। अगले 10 से 12 वर्षो तक यह पेसमेकर उसके सामान्य जीवन और विकास में उसका साथी रहेगा।

ऐसा पहला और सफल आपरेशन है

यह आपरेशन करने वाली हृदय रोग विभाग की टीम में विशेषज्ञ डा. अखिलेश पाण्डेय, डा. राज प्रताप सिंह और डा. एस. पी. गौतम शामिल थे। कल इस बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह उत्तराखण्ड में ऐसा पहला और सफल आपरेशन है।

ग्राफिक एरा अस्पताल के गेस्ट्रोएंटरोलॉजी के विशेषज्ञ डा. सचिन मुंजाल ने पोयम तकनीक से आहार नली में रूकावट से पीड़ित 20 रोगियों का बिना किसी आपरेशन इलाज करने में सफलता हासिल की है। यह तकनीक भी उत्तराखण्ड के लिए नई है।

ग्राफिक एरा अस्पताल के डायरेक्टर आपरेशन व प्रख्यात पल्मोलॉजी विशेषज्ञ डा. पुनीत त्यागी ने बताया कि दुनिया की एकदम नई तकनीकों से सुसज्जित आपरेशन थियेटर, एडवांस कैथ लैब, एडवांस कोरेनरी केयर यूनिट, बहुत कम रेडिएशन वाली 128 स्लाइस की सीटी स्कैन मशीन, जिससे कॉर्डियल एन्जियोग्राफी भी की जा सकती है|

अत्याधुनिक तकनीक थ्री टेस्ला की एमआरआई मशीन के साथ जटिल मामलों में भी अस्पताल में बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। डा. त्यागी ने बताया कि ग्राफिक एरा अस्पताल में कार्डियोलॉजी, नैफरोलॉजी, गैस्टो एण्डोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट जैसी सुविधाएं नई तकनीकों से जोड़ी गई हैं।

आयुष्मान कार्ड धारकों को भी इनका लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर ग्राफिक एरा एजुकेशनल सोसायटी के पदाधिकारी डा. सतीश घनशाला, बिग्रेडियर अश्वनी कपूर और निदेशक इन्फ्रा. डा. सुभाष गुप्ता व कई विशेषज्ञ मौजूद रहे।