सफाई व्यवस्था को केवल बिजनेस न समझे कंपनियां : डीएम

Companies should not consider cleaning system as just a business

देहरादून। जिलाधिकारी व प्रशासक नगर निगम सविन बंसल की अध्यक्षता में नगर निगम कार्यालय कक्ष में शहर की सफाई व्यवस्था एवं प्रकाश व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने कंपनियों को सख्त शब्दों में कहा कि कूड़ा उठान व्यवस्था को केवल बिज़नेस ना समझे यह लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन से जुड़ा हुआ विषय है जिस पर गंभीरता से कार्य किया जाना है, यदि कोई कंपनी कार्य नहीं कर पा रही है तो उसपर गंभीरता से एक्शन लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कंपनियां अनुबंध शर्तों के अनुसार अपने संसाधन बढ़ाएं, या अपने उपलब्ध संसाधनों से डबल ड्यूटी करें। जिलाधिकारी ने कूड़ा उठान व्यवस्था में सुधार लाने जाने हेतु इकोन वेस्ट मैनेजमेंट एवं सनलाइट को 15 दिन का समय दिया, उन्होंने निर्देशित किया कि अनुबंध के अनुसार वाहन एवं मैनपॉवर लगाएं अन्यथा रूट पर डबल सर्विस दें।

उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर की कूड़ा उठान व्यवस्था लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दिए गए 15 दिन में अपने प्रदर्शन में सुधार करें कम्पनियां नही तो शेष 53 वार्डों के लिए सफाई व्यवस्था हेतु टैण्डर प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाएगी। सफाई कंपनियों ने कूड़ा उठान के लिए नगर निगम की दिए जाने वाली धनराशि बढ़ाए जाने के अनुरोध पर जिलाधिकारी ने नगर निगम के अधिकारियों को विधिक रूप से जो करवाई है प्रस्तावित किए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कम्पनियों को आर्थिक क्षति पंहुचाना मकसद नही हैं किन्तु सफाई व्यवस्था में लापरवाही एवं जनमानस के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कम्पनियों को निर्धारित शर्तों के अनुसार सफाई व्यवस्था करनी होगी। जिलाधिकारी ने शीशमबाड़ा प्लांट से निर्धारित शर्तों के अनुसार कूड़ा निस्तारण न होने पर कंपनियों के प्रतिनिधियों को फटकार लगाते हुए कंपनी के उच्च स्तरीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर तलब किया।

साथ ही निर्देशित किया कि यदि कंपनी के उच्चाधिकारी उपस्थित न हुए तो कंपनी पर टर्मिनेट की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने शीशमबाड़ा प्लांट में कूड़ा निस्तारण हेतु कंपनी निकोल एवं एनवायरनमेंटल टेक्नो पर अर्थदंड की करवाई करने के निर्देश दिए। वहीं शहर की प्रकाश व्यवस्था की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि एक अक्टूबर से अब तक 26852 लाइटों की मरम्मत की गई है।

कंट्रोल रूम सीएम हेल्पलाइन एवं अन्य माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर 4072 लाइट भी शामिल हैं, जिनकी मरम्मत की गई है। उन्होंने कम्पनी के प्रतिनिधि को लाईट का बैकलॉग रखने तथा मरम्मत को गई लाईटों को निर्धारित समयावधि में उपलब्ध कराने को निर्देशित किया।

बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम गौरव कुमार, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, गौरव भसीन, अधि.अभि रचना पायल सहित सम्बन्धित अधिकारी कार्मिक एंव कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।