मानसिक दिवालियापन के शिकार हैं गणेश जोशी : गरिमा मेहरा दसौनी

Ganesh Joshi is a victim of mental bankruptcy

Ganesh Joshi is a victim of mental bankruptcy

देहरादून। Ganesh Joshi is a victim of mental bankruptcy मसूरी विधानसभा में आयोजित भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के दौरान काबीना मंत्री गणेश जोशी के कांग्रेसियों को लेकर दिए गए बयान की उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने भर्त्सना की है।

गणेश जोशी पर तगड़ा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा की गणेश जोशी के बयानों से ऐसा प्रतीत होता है की बढ़ती उम्र के साथ वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।दसौनी ने कहा की सत्ता के अहंकार में जोशी अपनी सुध बुध खो चुके हैं, पहले गणेश जोशी सिर्फ शक्तिमान घोड़े के हत्यारे के रूप में चर्चित थे, परंतु फिर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को बंटी बबली के नाम से पुकारने पर उन्होंने अपनी निचली सोच प्रदर्शित की और हाल ही में कभी स्वर्गीय इंदिरा जी और स्वर्गीय राजीव जी की शहादत को हादसे का नाम देकर गणेश जोशी बैकफुट पर दिखे और तो और उनके संगठन ने उनके इस निचले स्तर के बयान को उनका व्यक्तिगत बयान बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

दसौनी ने कहा की  गणेश जोशी के विवादास्पद बयानों पर ना सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की किरकिरी होती है बल्कि गणेश जोशी भी अपने संस्कारों और मानसिक स्तर का परिचय देते रहे हैं। दसोनी ने कहा की  कार्यक्रम के दौरान जोशी ने स्वयं को सैनिक बताया परंतु जोशी बताएं कि भारतीय सेना में उनका कार्यकाल इतना छोटा क्यों रहा।

दसौनी ने जोशी पर सवाल दागते हुए कहा कि जोशी बताएं की भारतीय सेना ने गणेश जोशी कि सेवाएं  समाप्त की या स्वयं गणेश जोशी भारतीय सेना को पीठ दिखा कर भाग खड़े हुए। दसौनी ने संशय व्यक्त करते हुए कहा कि जोशी की भारतीय सेना में एक सिपाही के रूप में आखिर कितनी तनख्वाह रही होगी जो पिछले 15 सालों में गणेश जोशी ने उत्तराखंड में एक वृहद साम्राज्य स्थापित कर लिया।

विवादास्पद बयान के लिए अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा

गरिमा ने कहा की आज जोशी उत्तराखंड चुनिंदा अमीर नेताओं में शुमार है,ये कब और कैसे संभव हो पाया। दसोनी ने गणेश जोशी पर कटाक्ष करते हुए कहा की जो गणेश जोशी भारतीय सेना के प्रति वफादार नहीं हो सके वह प्रदेश की जनता के क्या होंगे।

दसौनी ने गणेश जोशी को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपनी जुबान को लगाम दे वरना उनका भी वही हश्र होगा जो बड़बोले पन और बदजुबानी के लिए उनके अधिकतर प्रदेश अध्यक्षों  और मुख्यमंत्रियों का हुआ जिन्हे विवादास्पद बयान के लिए अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा।

दसौनी ने कहा की जोशी को याद रखना चाहिए की कम से कम कांग्रेसी दोगले चरित्र के नहीं होते जो जनता को सिर्फ कोरे जुमले परोसने के कुछ न करें। दसौनी ने कहा की हमें कांग्रेसी होने पर खुद पर गर्व है जिन्होंने अपने खून पसीने से गुलामी की जंजीर से देश को आजाद कराया।

गरिमा ने कहा भाजपा के उलट कांग्रेस जो कहती हैं करके दिखाती है, दसौनी ने कहा कि गणेश जोशी यह याद रखें कि आज प्रदेश और  देश के अंदर जितने भी बड़े संस्थान और बड़ी संपत्तियां जुड़ी है वह सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस काल की देन है। यदि कांग्रेस भाजपाइयों की तरह दलाली में लगी होती तो देश आज विकासशील देशों की श्रेणी में ना खड़ा होता।

दसौनी ने कहा कि जोशी बताएं कि बार-बार मसूरी विधानसभा से विधायक चुने जाने के बावजूद मसूरी विधानसभा का उन्होंने कौन सा कायाकल्प कर दिया। दसोनी ने कहा कि गणेश जोशी सस्ती लोकप्रियता के लिए बार-बार इस तरह के विवादास्पद बयान देते हैं जिसके लिए बाद में या तो उन्हें माफी मांगनी पड़ती है या नो कॉमेंट्स कहना पड़ता है।