Government should intervene in Banbhulpura demolition
ध्वस्तीकरण से लगभग 50 हजार की आबादी प्रभावित होगी
देहरादून। Government should intervene in Banbhulpura demolition हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके के ध्वस्तीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए देहरादून के शहर काजी व जमीअत उलेमा हिंद उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि जिस प्रकार बनभूलपुरा के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही प्रस्तावित है यह चिंता का विषय है।
प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह इस कार्यवाही को रोकने के लिए दखल दे। सोमवार को शहर काजी ने जामा मस्जिद पलटन बाजार में अयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बनभूलपुरा में लगभग 4500 घरों के ध्वस्तीकरण से लगभग 50 हजार की आबादी प्रभावित होगी।
प्रभावित होने वाले लोगो में सभी धर्मो के लोग शामिल है। सर्दियों के मौसम में जब बोर्ड के एग्जाम सर पर है इस प्रकार की कार्यवाही अनुचित व आमनीय है। उन्होंने कहा उच्चतम न्यायालय में इस कार्यवाही को रोकने के लिए पिटिशन दायर की गई है।
जन भावनाओं और मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस ध्वस्तीकरण की करवाही पर अविलंब रोक लगाई जाए। उच्चतम न्यायालय का निर्णय संकटग्रस्त लोगो के विरुद्ध आता है तो राज्य सरकार को इन परिवारों के पुनर्वास के लिए जमीन और धन आवंटित किया जाना चाहिए, इस मांग को लेकर जल्द ही सभी सामाजिक संगठन मिल कर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांग रखेगा।
प्रेसवार्ता में तंजीम ए रेहुनमई मिल्लत के सदर लताफत हुसैन, जमीअत उलेमा हिंद के महानगर अध्यक्ष मुफ्ती राशिद कासमी, मौलाना हाशिम उमर, मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी, उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी, सचिव मेहताब कुरैशी, सह सचिव शाकिब कुरैशी, इंजिनियर सलीम शाह व नायब सदर जमा मस्जिद पलटन बाजार नसीम अहमद आदि मौजूद रहे|