Governor inaugurates Sustainability Fair 2022
देहरादून। Governor inaugurates Sustainability Fair 2022 अलग-अलग विषयों में कोर्स प्रदान करने वाली यूपीईएस यूनिवर्सिटी के सस्टेनेबिलिटी क्लस्टार, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा 11 अक्टूबर से 14 अक्टूबर 2022 तक “सस्टेनेबिलिटी फेयर 2022” का आयोजन किया जा रहा है। इस 4 दिवसीय कार्यक्रम की थीम “सुरक्षित, लचीले तथा स्थिर शहर और समुदाय” है।
सस्टेनबिलिटी फेयर के उद्घाटन सत्र में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने अपनी उपस्थिति से चार-चांद लगा दिए। वह इस समारोह के मुख्य अतिथि भी थे।
यूपीईएस के वाइस चासंलर डॉ. सुनील राय ने मेहमानों के स्वागत में अभिभाषण दिया। इसके बाद सस्टेनबिलिटी रिपोर्ट जारी की गई। इसी के साथ मुख्य अतिथि और दूसरे गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी में सस्टेनबिलिटी मेला शुरू हुआ।
इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित यूपीईएस की शैक्षणिक टीम में डॉ. एस.जे. चोपड़ा, चांसलर, डॉ राम शर्मा, प्रो-वाइस चांसलर, मनीष मदान, रजिस्ट्रार, डॉ गुरविंदर विर्क, डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और सस्टेशनेबिलिटी क्लरस्टवर की फैकल्टीस शामिल थे।
विकास कार्यों की योजना बनाई जाएगी
यूपीएस के वाइस चांसलर डॉ. सुनील राय ने कहा कि इस मेले का मकसद सस्टेनबिलिटी पर नवीनतम शोध को दुनिया के सामने लाना है और उच्च सामाजिक महत्व की संबंधित चुनौतियों से भी लोगों को रूबरू कराना है।
इसका लक्ष्य किफायती और स्थिर समाधानों को बढ़ावा देना, इंडस्ट्री और शिक्षा जगत के सम्मेनलन के जरिए स्थिर समाधानों पर विचार-विमर्श के सत्र आयोजित करना और विभिन्न हितधारकों के बीच नेटवर्किंग की स्थापना करना है। इसी के साथ विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से किए जाने वाले विकास कार्यों की योजना बनाई जाएगी।
डॉ. राय ने कहा, “यूपीईएस में हम पहले ही स्थिरता की ओर कदम उठा चुके हैं। हम हाइड्रोजन के भंडारण, ली-ऑयन बैटरी, बायोफ्यूल, जल प्रबंधन, जल शोधन, नवीकरणीय ऊर्जापर काम कर रहे हैं। इसी के साथ हम उत्तराखंड के स्मार्ट मॉडल गांवों और कई अन्य पहलों के माध्यम से शहरों और समुदाय को सस्टेनेबल बनाने में योगदान दे रहे हैं। हम इस महत्वपूर्ण विषय पर संवाद में सबसे आगे रहने के लिए तत्पर हैं।”
प्रासंगिक मामलों पर जागरूक करने की जरूरत
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यूपीईएस के उल्लेखनीय योगदान की सराहना करते हुए कहा कि “स्थिर विकास की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए इस तरह का प्लेटफॉर्म का निर्माण करने वाली पहली यूनिवर्सिटी बनने के लिए यूपीईएस को दिल से हार्दिक बधाइयां देता हूं।
आज लोगों को हरे-भरे पर्यावरण के संरक्षण के प्रासंगिक मामलों पर जागरूक करने की जरूरत है। मेरा विश्वास है कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से अलग-अलग विचारों वाले लोग एक साथ आएंगे और स्थिर आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण स्थिरता के सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करेंगे।”
उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कई परियोजनाओं के आंकड़ों को भी साझा किया। इसमें जल जीवन मिशन, उज्जवला योजना, उजाला प्रोग्राम तथा स्थिरता के लक्ष्यों को हासिल करने में भारत की प्रगति का जिक्र किया गया।
चार-दिन के सम्मेलन में स्कूल और कॉलेज के छात्रों को व्यवाहरिक प्रशिक्षण के अलावा, इस क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों के साथ छात्रों का इंटरएक्टिव सेशन भी आयोजित किया जाएगा। स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए सस्टेनेबिलिटी मॉडल कॉम्पिटिशन होंगे।
नेटवर्किंग सेशन भी आयोजित किए जाएंगे
स्थिरता के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा पैनल चर्चायें, इंटरनेशनल सिंपोजियम और नेटवर्किंग सेशन भी आयोजित किए जाएंगे।
यूपीएस सस्टेनेबिलिटी मेले में भाग लेने वाले प्रतियोगियों में क्षेत्रीय इंडस्ट्रीज, शिक्षा के क्षेत्र की हस्तियां, सरकारी निकाय, एनजीओ और दुनिया के कई हिस्सों, जैसे स्पेन, डेनमार्क, श्रीलंका, इंडोनेशिया से आए छात्र शामिल हुए।
यह इंस्टिट्यूट सस्टे नेबल शहरी नियोजन और औद्योगिक गतिविधियों, ग्रीन बिल्डिंग मटीरियल, प्रदूषण, ऊर्जा, वेस्ट मैनेजमेंट, बायो रिफाइनरी, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे क्षेत्रीय उद्योगों एवं संस्थानों द्वारा प्रदर्शनी की मेजबानी करेगा।
यूपीईएस सस्टेनेबिलिटी फेयर 2022 को पंजाब नेशनल बैंक (टाइटल पार्टनर), डीएसटी-एसईआरबी, इंटरनेशनल वॉटर असोसिएशन (आईडब्ल्यूए) स्प्रिंगर नेचर, अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (एसीएस), डीएचआई और उत्तराखंड सरकार के सेंटर पॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस (सीपीपीजीजी) द्वारा फंड और सहयोग दिया गया है। इस मेले के आयोजन में इन सभी संस्थाओं ने साझेदारी की है।
यूपीईएस के विषय में :
यूपीईएस की संस्थापना वर्ष 2003 में उत्तराखण्ड विधानसभा के यूपीईएस एक्ट, 2003 द्वारा हुई थी, यह यूजीसी से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी से ग्रेड ‘ए’ मिला है। शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने यूपीईएस को भारत के कॉलेजों एवं संस्थाननों में 65वीं रैंकिंग दी है, यूपीईएस का स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग 61वें नंबर पर, मैनेजमेंट स्कूलों में स्कू्ल ऑफ बिजनेस 41वें नंबर पर और स्कूलि ऑफ लॉ भारत में 21वें स्थान पर है। इस यूनिवर्सिटी को वैश्विक मान्यता प्राप्त यूपीएस रेटिंग से रोजगार योग्यता (प्लेसमेंट्स) में 5 स्टार मिले हैं और इसने पिछले कुछ वर्षों में 90 प्रतिशत से ज्यादा प्लेसमेंट्स दिये हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्कूलों के माध्यम से ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्सं की पेशकश करती हैः स्कूईल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ हेल्थस साइंसेस एंड टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज।
जरा इसे भी पढ़े
एनआईआरएफ रैंकिंग में यूपीईएस को मिला 65 वां स्थान
सीएम ने यूपीईएस में ‘ज्योति छात्रवृति’ व ‘विजय’ छात्रवृति का किया शुभारम्भ
यूपीईएस ने केपीएमजी इन इंडिया के साथ भागीदारी की