ईडी के आरोप पत्र पर हाईकोर्ट ने लगाया स्टे
देहरादून। कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को लेकर नैनीताल से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल हरक सिंह रावत को नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। खास बात ये है कि हरक सिंह रावत लगातार एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे थे और इसे कानूनी रूप से भी गलत ठहरा रहे थे।
हालांकि एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने सहसपुर जमीन मामले में उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। लेकिन इसके खिलाफ हरक सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर इसकी वैधानिकता को चुनौती दी थी। गौर हो कि हरक सिंह रावत की इस याचिका पर अब हाई कोर्ट ने निर्णय लेते हुए आरोप पत्र पर फिलहाल स्टे दे दिया है।
हरक सिंह रावत के वकील हिमांशु पाल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट में सहसपुर जमीन प्रकरण पर वैधानिक प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी, जिस पर अब नैनीताल हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। उधर इस मामले में हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सच्चाई की जीत है और वह माननीय न्यायालय का सम्मान करते हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि न्यायालय में सत्य की ही जीत होगी।
उन्होंने कहा कि चार्टशीट पर स्टे का हाईकोर्ट का यह फैसला अभी सच्चाई की जीत का पहला कदम है और भविष्य में मामले पर उन्हें पूरी तरह से न्याय मिलने की उम्मीद है। दरअसल, पिछले दिनों लंबी जांच के बाद एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने सहसपुर में जमीन खरीद प्रकरण को लेकर धर्म सिंह रावत समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। उसके बाद से ही हरक सिंह रावत सार्वजनिक रूप से इसका विरोध करते हुए दिखाई दिए थे और उन्होंने इस मामले में न्यायालय से न्याय मिलने की बात भी कही थी।
उधर अब नैनीताल हाई कोर्ट से स्टे मिलने के बाद उन्होंने आगे भी न्याय की लड़ाई जारी रखने की बात कही है।18 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उनकी पत्नी समेत पांच लोगों के खिलाफ विशेष कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद हरक सिंह रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था। हरक सिंह रावत ने इस दौरान ईडी मानसिक उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी दिन को रात और रात को दिन बताने में लगी हुई है।