देहरादून। हाउस ऑफ हिमालयाज़ लिमिटेड के निदेशक मंडल की छठी बैठक सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता आनंद बर्धन, मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार एवं चेयरपर्सन, हाउस ऑफ हिमालयाज़ लिमिटेड ने की।
बैठक के दौरान अध्यक्ष आनन्द बर्द्धन एवं निदेशक मंडल द्वारा विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। बैठक में अपर सचिव एवं एमडी सुश्री झरना कमठान ने हाउस ऑफ हिमालयाज की अब तक की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज से अधिक से अधिक क्लस्टर लेवल फेडरेशन्स एवं स्वयं सहायता समूहों को जोड़ कर हाउस ऑफ हिमालयाज में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने क्लस्टर लेवल फेडरेशन्स और स्वयं सहायता समूहों को और अधिक मजबूत किए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने निर्देश दिए कि CLF एवं SHG के उत्पादों के भुगतान को प्राथमिकता पर लेते हुए उनका भुगतान अतिशीघ्र किया जाए। उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जीआई टैगिंग और जैविक प्रमाणीकरण के महत्त्व पर बल देते हुए उन्होंने जीआई टैगिंग और जैविक प्रमाणीकरण की दिशा में कार्य किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, उत्पादों के एमआरपी निर्धारित किए जाने के लिए मैकेनिज्म तैयार किए जाने की भी बात कही।
मुख्य सचिव ने हाउस ऑफ हिमालयाज को अपने वेयरहाउस और स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज का वेयरहाउस गढ़वाल एवं कुमाऊं के साथ ही, एक बड़ा वेयरहाउस हब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एवं एनसीआर में भी होना चाहिए। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
मुख्य सचिव ने रॉ मटीरियल एवं उत्पादों के लिए सगन्ध पौधा केन्द्र एवं दून सिल्क फेडरेशन के साथ शीघ्र एमओयू किए जाने की बात भी कही। उन्होंने एयरपोर्ट्स एवं मेट्रो स्टेशनों में आउटलेट्स बढ़ाए जाने के साथ ही अलग-अलग राज्यों में बन रहे यूनिटी मॉल्स में हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों के लिए आउटलेट्स स्थापित करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि आउटलेट्स को उत्पाद बिक्री के लक्ष्य प्रदान किए जाएं। साथ ही अच्छा कर रहे आउटलेट्स को इंसेटिव भी दिया जाए, ताकि बाकी आउटलेट कर्मी भी प्रेरित हों।
इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डेय, पूर्व निदेशक एलबीएसएनएए राजीव चोपड़ा, सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव हिमांशु खुराना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित है।



