मेडिकल स्टोरों पर फार्मासिस्ट रखना अनिवार्यः डा. धन सिंह रावत

It is mandatory to have a pharmacist at medical stores
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत।

It is mandatory to have a pharmacist at medical stores

विभागीय मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये निर्देश
कहा, प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर सुनिश्चित हो फार्मासिस्टों की तैनाती

देहरादून। It is mandatory to have a pharmacist at medical stores सूबे में नशीली एवं नकली दवाओं की रोकथाम के लिये प्रदेशभर में मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया जायेगा। इसके साथ ही प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर एक पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती का भी सत्यापन अभियान चलाया जायेगा। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में नकली एवं नशीली दवाओं की बिक्री को रोकने के लिये राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत प्रदेशभर में फुटकर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत 12500 से अधिक मेडिकल स्टोरों के निरीक्षण के साथ ही वहां पर तैनात फार्मासिस्टों का भी भौतिक सत्यापन किया जायेगा।

इसके लिये विभागीय अधिकारियों को पूरे अप्रैल माह में विशेष अभियान के निर्देश दे दिये गये हैं। डा. रावत ने कहा कि औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम-1940 एवं 1945 की नियमावली के नियम 65(2) के अंतर्गत प्रत्येक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस होने के साथ ही स्टोर पर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी चाहिये।

पंजीकृत मेडिकल स्टोरों का मुआयना करने के निर्देश दिये गये : Dr Dhan Singh Rawat

इसी प्रकार थोक दवा विक्रय के लिये भी नियम 64 के तहत अनुभवी व्यक्ति को ही लाइसेंस दिये जाने का प्राविधान है। इन्हीं नियमों का सख्ती से पालन करने के लिये खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को सभी पंजीकृत मेडिकल स्टोरों का मुआयना करने के निर्देश दिये गये हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 22 हजार फार्मासिस्ट पंजीकृत है, जिनमें से साढ़े बारह हजार से अधिक फार्मासिस्टों के नाम पर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस जारी किये गये हैं, जबकि एक हजार के करीब फार्मासिस्ट राजकीय सेवा में तैनात हैं।

उन्होंने कहा कि समय-समय पर यह भी शिकायत मिलती रही है कि एक लाइसेंस पर एक से अधिक मेडिकल स्टोर संचालित किये जा रहे हैं तथा उन पर पंजीकृत फार्मासिस्ट तैनात नहीं किये गये हैं, जो कि नियमों का सीधा-सीधा उल्लंघन है।

इन्हीं तथ्यों को मध्यनजर रखते हुये विभागीय अधिकारियों को प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोरों का भौतिक सत्यापन कर वहां पर पंजीकृत फार्मासिस्टों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि सूबे के बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्टों को मेडिकल स्टरों पर रोजगार मिल सके।