- कहा, धर्म व भाषा के आधार पर किसी पर भी अत्याचार नही होना चाहिए
- दुनिया के किसी भी हिस्से में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय और जुल्म स्वीकार्य नहींः कासमी
- जमीअत उलमा-ए-हिंद की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक आयोजित
देहरादून। जमीअत उलमा-ए-हिंद उत्तराखण्ड की प्रदेश कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को मदरसा दार-ए-अरकम में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत अली कासमी ने की। बैठक में बांग्लादेश सहित विभिन्न देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों, महिला अधिकारो की रक्षा और उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई।
मौलाना शराफत अली कासमी ने कहा कि जमीअत बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की कड़े शब्दों में निंदा करती है। यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया। कहा कि दुनिया के किसी भी हिस्से में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय और जुल्म स्वीकार्य नहीं है। जहां-जहां भी इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं, वे अत्यंत दुखद और चिंताजनक हैं। जमीयत उलमा-ए-हिंद ऐसे हर अन्याय के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाती रहेगी।
बैठक के माध्यम से भारत सरकार से भी आग्रह किया गया कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप करे, ताकि वहां रहने वाले कमजोर तबकों की जान-माल और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। बैठक में धर्म और भाषा के आधार पर किसी भी प्रकार के अत्याचार का विरोध करने का संकल्प भी लिया गया। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि कहीं भी धर्म या भाषा के नाम पर भेदभाव या दमन किया गया, तो जमीयत उलमा-ए-हिंद उसके खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराएगी।
महिला अधिकारो की रक्षा का भी संकल्प लिया गया, सरकार से आग्रह किया गया कि जो भी व्यक्ति महिला अपराध में संलिप्त है, उनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसके साथ ही उत्तराखंड में शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने पर भी विस्तार से चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि मदरसों में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिए जाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, ताकि छात्र-छात्राएं धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ समकालीन शिक्षा में भी आगे बढ़ सकें।
बैठक के अंत में एकजुट होकर शांति, भाईचारे और इंसाफ के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया गया और देश में अमनो-अमान के लिये दुआ कराई गई। बैठक में कार्यालय सचिव मुफ्ती ताजीम, मुफ्ती प्रदेश उपाध्यक्ष इकराम, जिला अध्यक्ष देहरादून मौलाना अब्दुल मन्नान, जिला कोषाध्क्ष मास्टर अब्दुल सत्तार, नगर अध्यक्ष मुफ्ती अयाज, मौलाना अब्बास कासमी, मौलाना रिहान गनी, जिला महासचिव कारी आबिद, कारी अकरम, मुफ्ती रागिब, मौलाना रागिब, मुफ्ती वासिल, मुफ्ती हुजैफा, हाफिज शाहनजर, मौलाना दाऊद, मुफ्ति तौफीक इलाही, मुफ्ति राशिद कासमी, मुफ्ति नसीम अहमद कासमी, कारी अहसान, कारी मुंतजिर, तौसीफ खान, मौलाना मो. आबाद, मौलाना मौ. असद, मौलना मौ. हारून, मौलाना शकील, मौलाना महताब कासमी, मौलाना मंजर कासमी, मुफ्ति बुरहान कासमी, कारी अब्दुस समद सहित बड़ी संख्या में जमीयत के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।



