MDDA officials trying to save corrupt JE
देहरादून। MDDA officials trying to save corrupt JE मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) में व्याप्त भ्रस्टाचार व अनियमिताएँ को लेकर आये दिन नये नये मामले सामने आते रहते हैं, देहरादून तो छोड़िये पूरे उतराखंडवासियों में इस विभाग को लेकर चर्चा होती रहती है।
खैर ये विषय काफी लंबा है, हम आज एमडीडीए में बैठे अधिकारियों की बात करेंगे कि कैसे ये अधिकारी अपने भ्रष्ट जेई को बचाने की कोशिश कर रहे है। 22 जुलाई 2023 को जेई प्रिंस कुमार के खिलाफ अवैध तरीके से एक वर्कशॉप के संचालक से पैसे की उगाई को लेकर लिखित में शिकायत दी गई थी, लेकिन आज 28 अगस्त 2023 तक कोई कार्यवाही नही की गई है। कार्यवाही के नाम पर आरोपी को सिर्फ एक लेटर जारी कर दिया गया है।
निलंबन तो दूर उस सेक्टर से भी नहीं हटाया गया
ताज्जुब की बात तो यह है कि भ्रष्ट जेई प्रिंस कुमार को निलंबित करना तो दूर उसे उस सेक्टर से हटाया तक नही गया, जिस सेक्टर से जेई ने अवैध तरीके से उगाई की है, अब तो यह भी संज्ञान में आ रहा है कि शिकायतकर्ता को डराया जा रहा है।
गौरतलब है की इससे संबंधित सीसी टीवी फुटेज हमारे द्वारा स्वयं एमडीडीए उपाध्यक्ष बंसीधर तिवारी को मिलकर दिया गया था, जिस पर उपाध्यक्ष ने शिकायत पत्र को कार्यवाही करने के लिए सचिव मोहन बर्निया के पास भेज दिया और सचिव ने संयुक्त सचिव कुसुम चौहान को भेज दिया।
मैड़म ने शायद शिकायत पत्र को बिना पूरी तरह से पढ़े अपनी सहायक कर्मचारी को दे दिया, क्योंकि मैड़म ने शिकायत पत्र पढ़ा होता और इस भ्रस्टाचार के मामले को लेकर गंभीर होती तो स्वयं के विभाग की सीसी टीवी चेक करा चुकि होती और सारा मामला सामने आ चुका होता। लेकिन सही बात तो यह है कि भ्रष्टाचार को लेकर एमडीडीए अधिकारी गंभीर ही नही है। इससे यह बात भी साबित होता है की पैसा नीचे से लेकर ऊपर तक बंटता है जिसका जिक्र शिकायत पत्र मे भी किया गया है।
इसी विषय को लेकर जब हमारे द्वारा एमडीडीए के उपाध्यक्ष साहब से मिलने की कोशिश की गई तो लगभग दो घंटे प्रतिक्षा करवाने के बाद भी साहब के पास इतना समय ही नही है कि वह भ्रस्टाचार के मामले को लेकर किसी पत्रकार से मिल सके। खैर इनकी कार्यशैली को लेकर किसी और दिन चर्चा करेंगे।