देहरादून। देहरादून में आयोजित इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हो गया। अधिवेशन के दूसरे दिन यूनियन की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में पांच प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। जो पांच प्रस्ताव पारित किए गए उनमें पत्रकार सुरक्षा कानून, प्रेस काउंसिल का प्रस्ताव, केंद्रीय मीडिया मान्यता समिति पुनर्गठन,वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट पुनस्थापना और केंद्रीय कार्यालय शिफ्टिंग शामिल हैं। बैठक में विभिन्न राज्यों की इकाइयों के द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
अधिवेशन में इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि आईजेयू ट्रेड यूनियन एक्ट 1 के तहत रजिस्टर्ड श्रमजीवी पत्रकारों का सबसे बड़ा संगठन है। पत्रकारों के मुद्दों को लेकर हम सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के श्रीनिवासन रेडी ने कहा कि देश में जर्नलिस्ट एंड मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
श्री रेड्डी ने कहा कि पत्रकार बेजुबानों की आवाज बनाकर कार्य करता है। खतरे और असुरक्षा के वातावरण में पत्रकार के द्वारा स्वतंत्र रूप से कार्य किया जाना बेहद कठिन और चुनौती पूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष देश में तीन पत्रकारों की हत्या हुई है जो एक बहुत ही गंभीर चिंता का विषय है। श्री रेड्डी ने बताया कि प्रेस फीडम इंडेक्स में दुनिया के 180 देश में भारत की 159 रैंक है।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा पत्रकारों को सुरक्षा को लेकर कई प्रस्ताव पारित किए गए हैं। जिसे देखते हुए भारत सरकार के द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून देश में लागू किए जाने की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के द्वारा इस संदर्भ में एक मॉडल एक्ट का इफ्ट तैयार किया गया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के द्वारा एक देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन से संबद्ध राज्य की इकाइयों के द्वारा सेमिनार, सिंपोजियम और वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। जिससे देश में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ ही केंद्र सरकार पर एक दबाव बनाया जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की प्रेस काउंसिल आफ इंडिया को लेकर नीतियों पर असहमति और असंतोष प्रकट किया गया। अधिवेशन में तीसरा प्रस्ताव केंद्रीय मीडिया मान्यता समिति के पुनर्गठन के विषय में पारित किया गया। इसमें कहा गया कि आईजेयू के आवेदन को प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो के द्वारा बिना किसी तार्किक आधार के खारिज किया जा रहा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय स्वच्छंद और मनमाना कार्य कर रहा है। मंत्रालय द्वारा असहमति की आवाज को दबाया जा रहा है। इसलिए आईजेयू केंद्रीय मीडिया मान्यता समिति के पुनर्गठन की मांग करता है। राष्ट्रीय अधिवेशन में चौथा प्रस्ताव वर्किग जर्नलिस्ट एक्ट के पुनस्थापना को लेकर पारित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के तहत श्रमजीवी पत्रकार के वेतन बोर्ड के नियम, वेतन की दर निर्धारण इत्यादि महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे।
उन्होंने कहा कि इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन मांग करती है कि भारत सरकार वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को पुनः लागू करें। पांचवा प्रस्ताव यूनियन के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय के शिफ्टिंग को लेकर सर्वसमिति से पारित किया गया। इस अवसर पर इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के श्रीनिवास रेड्डी, जनरल सेक्रेटरी बलविंदर सिंह जम्मू, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन सिन्हा, अमर देखुलापक्षी, उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष उमरशांकर प्रवीण मेहता, प्रदेश महामंत्री गिरीश पंत, प्रदेश कोषाध्यक्ष ललिता बलूनी समेत आईजेयू के वरिष्ठ पदाधिकारी और देशभर के विभिन्न राज्यों से आए यूनियन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।