President Draupadi Murmu in Dehradun
एलबीएस एकेडमी में सिविल सेवा के 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को किया संबोधित
देहरादून। President Draupadi Murmu in Dehradun राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में सिविल सेवा के 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित किया।
प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जब वह उन्हें संबोधित कर रही थीं, तो उनकी स्मृति में सरदार बल्लभ भाई पटेल के शब्द गूंज रहे थे। अप्रैल 1947 में सरदार पटेल ने आई.ए.एस. प्रशिक्षुओं के एक बैच से मिलते समय कहा था कि ‘‘ हमें उम्मीद करनी चाहिए और हमें अधिकार है कि हम हर सिविल सेवक से सर्वश्रेष्ठ की अपेक्षा करें, चाहे वह किसी भी जिम्मेदारी के पद पर हो।
’’राष्ट्रपति ( President Draupadi Murmu) ने कहा कि आज हम गर्व से कह सकते हैं कि लोक सेवक इन अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इस फाउंडेशन कोर्स का मूल मंत्र ‘‘ मैं नहीं, हम हैं ’’। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कोर्स के प्रशिक्षु अधिकारी सामूहिक भावना के साथ देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाएंगे।
आज मसूरी स्थित @LBSNAA_Official में आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी एवं मा. राज्यपाल @LtGenGurmit (से. नि.) जी के साथ सिविल सेवा के 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में सम्मिलित हुआ। pic.twitter.com/Hjl53He7r6
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 9, 2022
उन्होंने कहा कि उनमें से कई आने वाले 10-15 वर्षों तक देश के एक बड़े हिस्से का प्रशासन चलाएंगे और जनता से जुड़ेंगे। वे अपने सपनों के भारत को एक ठोस आकार दे सकते हैं।
अकादमी के आदर्श वाक्य ’शीलम परम भूषणम’ का उल्लेख करते हुए, जिसका अर्थ है ’चरित्र सबसे बड़ा गुण है’, राष्ट्रपति ( President Draupadi Murmu ) ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षण की पद्धति कर्म-योग के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें चरित्र का बहुत महत्व है।
पूरे विश्वास के साथ काम करना होगा : President Murmu
उन्होंने सलाह दी कि प्रशिक्षु अधिकारियों को समाज के वंचित वर्ग के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ’गुमनामी’, ’क्षमता’ और ’आत्मसंयम’ एक सिविल सेवक के आभूषण हैं। ये गुण उन्हें पूरी सेवा अवधि के दौरान आत्मविश्वास देंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान अधिकारी प्रशिक्षुओं ने जो मूल्य सीखे हैं, उन्हें सैद्धांतिक दायरे तक सीमित नहीं रखना चाहिए। देश के लोगों के लिए काम करते हुए उन्हें कई चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में उन्हें इन मूल्यों का पालन करते हुए पूरे विश्वास के साथ काम करना होगा।
भारत को प्रगति और विकास के पथ पर अग्रसर करना तथा देश की जनता के उत्थान का मार्ग प्रशस्त करना उनका संवैधानिक कर्तव्य के साथ-साथ नैतिक दायित्व भी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हित के लिए कोई भी कार्य कुशलतापूर्वक तभी पूरा किया जा सकता है जब सभी हितधारकों को साथ लिया जाए। जब अधिकारी समाज के हाशिए पर पड़े और वंचित वर्ग को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेंगे तो निश्चय ही वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सुशासन समय की मांग है। सुशासन का अभाव हमारी अनेक सामाजिक और आर्थिक समस्याओं की जड़ है। लोगों की समस्याओं को समझने के लिए आम लोगों से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को लोगों से जुड़ने के लिए विनम्र होने की सलाह दी।
सरकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे : President Murmu
उन्होंने कहा कि तभी वे उनसे बातचीत कर पाएगें और उनकी जरूरतों को समझ सकेंगे और उनकी बेहतरी के लिए काम कर सकेंगे। सरकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने का दायित्व भी आपको निभाना हैं।
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया इन मुद्दों से जूझ रही है। इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे भविष्य को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को पूरी तरह से लागू करने में मददगार बने। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आजादी के अमृत काल में 97वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के अधिकारी सिविल सेवाओं में प्रवेश कर रहे हैं।
अगले 25 वर्षों में, वे देश के सर्वांगीण विकास के लिए नीति-निर्माण और उसके कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस संबंध में राष्ट्रपति ने अकादमी में आज उद्घाटन किए गए ’वाक वे ऑफ सर्विस’ का जिक्र करते हुए कहा कि जहां हर साल, अधिकारी प्रशिक्षुओं द्वारा निर्धारित राष्ट्र निर्माण लक्ष्यों को टाइम कैप्सूल में रखा जाएगा, राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हमेशा याद रखें और उन्हें प्राप्त करने के लिये समर्पित रहें।
महिलाओं और पुरूषों दोनों का योगदान महत्वपूर्ण हैं : President Murmu
उन्होंने कहा कि जब वे वर्ष 2047 में टाइम कैप्सूल खोलेंगे, तो उन्हें अपने लक्ष्य को पूरा करने पर गर्व और संतोष होगा। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों के इस बैच में 133 बेटियां के शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश के सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं और पुरूषों दोनों का योगदान महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने विशेषकर बेटियों से अपील की कि अपनी सेवा के दौरान वह जहां भी रहे, लड़कियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते रहें। जब हमारी बेटियाँ विभिन्न क्षेत्रों में आगे आएंगी तो हमारा देश और समाज सशक्त बनेगा।
राष्ट्रपति ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के पूर्व और वर्तमान अधिकारियों की देश के प्रतिभाशाली लोगों को सक्षम सिविल सेवकों में ढालने में उनके महान समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए सराहना की।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अकादमी के नए छात्रावास ब्लॉक और मैस, एरिना पोलो फील्ड सहित आज उद्घाटन की गई सुविधाओं से प्रशिक्षु अधिकारियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि “पर्वतमाला हिमालयन एंड नॉर्थ ईस्ट आउटडोर लर्निंग एरिना“, जिसका निर्माण आज शुरू हो गया है, हिमालय और भारत के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के बारे में सिविल सेवकों और प्रशिक्षुओं के लिए एक ज्ञान आधार के रूप में कार्य करेगा।
वॉक-वे ऑफ सर्विस का उद्घाटन
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा प्रशिक्षण के दौरान सराहनीय एवं बेहतर कार्य व्यवहार वाले प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्मानित भी किया।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा अकादमी परिसर में स्थापित पोलो ग्राउंड के उन्नयन एवं पोलो एरिना, अकादमी कर्तव्य पथ, अकादमी अमृत टेलीमेडिसिन परामर्श सेवा केन्द्र एवं मोनेस्टी परिसर तथा वॉक-वे ऑफ सर्विस का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति द्वारा पर्वतमाला हिमालय एवं पूर्वाेत्तर आउटडोर लर्निंग एरिना का भी शिलान्यास किया गया। इन योजनाओं के सम्बन्ध में अकादमी निदेशक द्वारा राष्ट्रपति को विस्तार से जानकारी भी दी गई। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इन कार्यक्रमों में राष्ट्रपति के साथ मौजूद रहे।