कांग्रेस ने जिन सवालों को आयोग व कोर्ट में उठाया वह अभी भी अनुत्तरित
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आज उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। न्यायालय ने राज्य सरकार को अंतरिम राहत देते हुए पंचायत चुनाव संपन्न कराने की अनुमति प्रदान की है। हम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन यह निर्णय हमारे लिए निराशाजनक भी है, क्योंकि जिन बिंदुओं को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार अपनी चिंता जता रही थी और जिन प्रश्नों को सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया गया था, वे सभी अब तक अनुत्तरित हैं।
सरकार ने जिस प्रकार से गलत नीयत से आरक्षण का रोस्टर शून्य कर नया आरक्षण लागू किया है, वह पूर्णतः अनुचित है और इसका उद्देश्य केवल सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाना है। इसके कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और सामान्य वर्ग सभी प्रभावित हुए हैं। बहुत से लोग ऐसे होंगे जो जीवनभर चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।
भविष्य में उनकी आयु इस स्तर तक पहुंच जाएगी कि वे फिर कभी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यह निर्णय त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मूल भावना को ठेस पहुंचाने वाला है, और धामी सरकार इसमें सफल रही है। यहां यह बताना आवश्यक है कि कांग्रेस पार्टी पंचायत चुनाव को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आने वाले समय में कांग्रेस का हर कार्यकर्ता त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को माकूल जवाब देगा।
जनता चाहती थी ज़ीरो रोस्टर खत्म हो, भाजपा की चाल से व्यवस्था उलझीः कांग्रेस
देहरादून। उत्तराखंड में पंचायत चुनावों को लेकर उच्च न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि जनता की भावना थी कि भाजपा की और से किया गया ज़ीरो रोस्टर रद्द हो और पिछड़े, वंचित, महिला वर्ग को उनका हक़ फिर से मिले।
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने कहा कि भाजपा सरकार ने आरक्षण को ख़त्म करने और लोकतंत्र की मूल आत्मा को चोट पहुँचाने का प्रयास किया, जिससे गांव की आवाज़ दबाई गई और सामाजिक न्याय पर कुठाराघात हुआ। जोशी ने कहा, कि कांग्रेस सरकार में न केवल पंचायतों को समय पर चुना जाएगा, बल्कि हर वर्ग को उसका अधिकार और प्रतिनिधित्व मिलेगा।