वन विभाग के फिजूल खर्च पर राज्य सरकार ले संज्ञान : माहरा

State government should take cognizance of wasteful expenditure

State government should take cognizance of wasteful expenditure

देहरादून। State government should take cognizance of wasteful expenditure उत्तराखण्ड प्रदेश कॉंग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने वन विभाग द्वारा बिना ‘‘नेशनल जू अथॉरिटी’’ के अनुमति दिये हल्द्वानी जू की चार दिवारी में 20 करोड़ रूपये खर्च किये जाने पर कडी आपत्ती जतायी है।

करन माहरा ने कहा कि आम जनता की गाडी कमाई और टैक्स पेयर के पैसों को खर्च करने में वन विभाग जिस तरह की फिजुल खर्ची और लापरवाही बरत रहा है, उसका संज्ञान राज्य सरकार को तुरन्त लेना चाहिए।

माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड का वन विभाग हमेशा ही विवादों में घिरा रहता है ऐसे में 80 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले हल्द्वानी के ‘‘हल्द्वानी जू’ को लेकर ‘‘नेशनल जू अथॉरिटी’’ ने अभी तक अनुमति भी नही दी है, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने 20 करोड़ रूपये के बजट से ‘‘हल्द्वानी जू’’ की चारदीवारी बना दी है, जबकि जॅू की अनुमति का मामला ‘‘नेशनल जू अथोरिटी’’ मे साल 2015 से अधर में लटका हुआ है।

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर माहरा ने कहा कि अधिकारियों ने बिना अनुमति हल्द्वानी जू की चार दिवारी पर किसके इशारे पर 20 करोड रूपेए खर्च कर दिए। माहरा ने बताया कि हल्द्वानी के गौलापार में अर्न्तराष्ट्रीय चिड़ियाघर का निर्माण पिछले आठ सालों से अधर में लटका हुआ है। एैसे में बिना फैसला आए वन विभाग की ओर से 20 करोड़ की फिजुल खर्ची का मामला संज्ञान में आया है।

माहरा ने राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि वह इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए संलिप्त अधिकारियों पर कठोर कार्रवाही करेंगे क्योंकि राज्य पहले ही विकट आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहा है। माहरा ने कहा कि जो राज्य हजारों करोड़ के बोझ तले दबा हो वहॉ इस तरह की फिजुल खर्ची नाकाबीले बर्दाश्त है।

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