राज्य स्तरीय ओलंपिक खेल अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़े : माहरा

राज्य स्तरीय ओलंपिक खेल अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़े : माहरा

देहरादून। State level Olympic games fell prey to chaos उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने 5वें राज्य स्तरीय ओलंपिक खेलों के आयोजन में हो रही अव्यवस्थाओं पर सरकार को घेरते हुए कहा कि जिस प्रकार 5वें राज्य स्तरीय ओलंपिक के आयोजन में आयोजक मंडल और सरकारी अव्यवस्थाओं का खिलाडियों को शिकार होना पड़ रहा है उससे भविष्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर राज्य सरकार के दावों पर पानी फिर सकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व खेल मंत्री रेखा आर्य को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि रूद्रपुर में 20 सितम्बर 2024 से 5वें राज्य स्तरीय ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया है, मगर राज्य स्तरीय ओलंपिक खेल जिस प्रकार सरकारी अव्यवस्थाओं की भेंट चढते नजर आ रहे हैं उससे उत्तराखण्ड राज्य में भविष्य में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की मेजबानी के लिये सरकारी दावे खोखले नजर आ रहे हैं। आयोजकों की ओर से न तो खिलाडियों के ठहराने की समुचित व्यवस्था की गई और न ही उचित खान-पान व चिकित्सकीय सेवाओं की ही व्यवस्था है।

माहरा ने कहा कि खेलों के आयोजन में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि खेल से सम्बन्धित स्टेडियम भी तैयार नहीं किया गये हैं व खिलाडियों को खराब मैदान पर खेलने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसी प्रकार अल्मोड़ा जनपद से प्रतिभाग करने आई 17 सदस्यीय टीम के साथ टीम मैनेजर के अभाव में प्रतिभाग करने आये खिलाडी प्रियांशु बिष्ट, जो कि उत्कृष्ठ धावक हैं व राष्ट्रीय स्तर के खेलों में प्रतिभाग करने की तैयारी कर रहे, को इसी अव्यवस्था का शिकार होकर प्रतिभाग करने से वंचित होना पड़ा तथा तबियत खराब होने पर उन्हें समय पर उपचार भी नहीं मिल पाया।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि 10 सितंबर को अमेरिका में दिए गए राहुल गांधी के बयान को भाजपा के नेता तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और झूठ बोलने काम कर रहे है। राहुल गांधी ने बहुत ही सभ्य तरीके से अपनी बात रखी है। उन्हें लोकतंत्र की और देश की विविधता को बचाए रखने की चिंता है।

जिस प्रकार देश में धर्म और जाति को लेकर विवाद बढ़ रहे हैं, राहुल गांधी लगातार देश में बढ़ती नफरत को समाप्त करने का प्रयास करते आ रहे हैं। देश के शिक्षक, बुद्धिजीवी वर्ग, और सिखों के तमाम सामाजिक एवं धार्मिक संगठन राहुल गांधी के बयान का पूर्ण समर्थन कर रहे हैं और उनके वक्तव्य पर अपनी सहमति प्रदान कर रहे हैं।