उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार राज्य की पंचायती राज व्यवस्था को करना चाहतीः करन माहरा

The BJP government wants to destroy the state's Panchayati Raj system: Karan Mahara
करन माहरा

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य की धामी सरकार पर कांग्रेस के निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ राजनैतिक विद्वेष एवं प्रतिशोध की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए राज्य में पंचायती राज व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का आरोप लगाया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने महामहिम राज्यपाल, उत्तराखण्ड को पत्र लिखते हुए कहा कि भाजपा की राज्य सरकार विपक्षी दल के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को झूठे आरोपों में फंसाकर एन-केन-प्रकारेण उन्हें पदच्युत कर पंचायतों में राज्य की सत्ता के बल पर काबिज होना चाहती है।

भाजपा सरकार द्वारा राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से प्रेरित होकर विपक्षी दल के निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ की जा रही दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई की कांग्रेस पार्टी कठोर शब्दों में निन्दा करती है।

महामहिम राज्यपाल, उत्तराखण्ड को लिखे पत्र में करन माहरा ने कहा कि जब से राज्य मंें भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार सत्तारूढ़ हुई है तब से राज्य सरकार के इशारे पर राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है।

एक ओर राज्य सरकार के इशारे पर कंाग्रेस पार्टी के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से पदों से हटाया जा रहा हैं वहीं पूर्व प्रतिनिधियों पर झूठे मुकदमें लगाये जा रहे हैं। जिला पंचायत बागेश्वर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश सिंह ऐठानी के खिलाफ की गई कार्रवाई इसका प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व कांग्रेस पार्टी की जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष रजनी भण्डारी, जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजल्वाण, नगर पालिका परिषद श्रीनगर की अध्यक्ष पूनम तिवारी एवं ब्लाॅक प्रमुख खटीमा रणजीत सिंह नामधारी को इसी प्रकार अलोकतांत्रिक तरीके से झूठे आरोप लगाते हुए उनके पदों से हटाया गया है।

विपक्षी दल के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से पदच्युत किया जाना लोकतंत्र एवं पंचायती राज व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है तथा स्वस्थ लोकतंत्र की परम्परा के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पंचायतों में भाजपा सरकार की दखलंदाजी से न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं अपितु देश की पंचायती राज व्यवस्था एवं संविधान में पंचायतों के लिए की गई व्यवस्था पर भी चोट पहुंच रही है। उन्होंने महामहिम राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संरक्षक होने के नाते इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार को उचित दिशा-निर्देश जारी करने की कृपा करें।