कुरान का इतना बड़ा संग्रह पहले कभी नहीं देखाः महबूब अली
‘कैलिग्राफ़िक कला के दर्पण में पवित्र कुरान’ विषय पर 20वीं प्रदर्शनी शुरू
देहरादून। The Holy Quran gives the message of brotherhood तस्मिया ऑल इंडिया एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से 2-ए टर्नर रोड पर तस्मिया कुरआन संग्राहलय में शनिवार से दो दिवसीय 20वीं ‘कुरआन लेख कला के दर्पण में’ प्रदर्शनी का आगाज़ हो गया है।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति महबूब अली ने फादर जेपी सिंह, ब्रिगेडियर के जी बहल, बॉबी कैश और सरदार जसबीर सिंह के साथ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की शुरुआत फारुख अहमद ने अपनी सुरीली आवाज में प्रस्तुत पवित्र कुरान और नात के पाठ से की, जिसका अर्थ था कि सर्वशक्तिमान सभी के लिए एक है।
डॉ. एस. फारूक ने कहा कि कुरान शांति और भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी सभी के लिए सुलेखन कला के द्वार खोलती है। इसके अलावा यह उन लोगों के लिए खुशी की बात है जो समझते हैं और सराहना करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद उनका सामान एकत्र किया गया और मैंने 20 साल बाद उनकी जीवनी लिखी और तब से यह संग्रह परिवार और दोस्तों की मदद से बढ़ रहा है।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति महबूब अली ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने पहली बार ऐसी अनूठी प्रदर्शनी देखी है और कुरान का इतना बड़ा संग्रह पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बन गई है और यह दुनिया भर में एकता का संदेश फैलाएगी।
प्रदर्शित प्रतियों में प्राचीन पांडुलिपियों से लेकर डिजिटल प्रारूप तक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह एक है और वह हम सबको आशीर्वाद देता है। कुरान देश से प्रेम और वफादारी सिखाता है। कर्नल एम.के.हुसैन, डॉ.आर.के.बख्शी, डॉ.आदित्य आर्य, डॉ.अनस फसीह, जसबीर सिंह, आयुष आर्य सहित डॉ. सैयद फैसल, सैयद हारून अहमद, सैयद फारुख अहमद, इमरान हुसैन, मुनीर अहमद, जहांगीर अहमद, मुफ्ती वसीउल्लाह, मुफ्ती सलीम अहमद, मौलाना आर ए हक्कानी, मुफ्ती जिया और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
1087 पृष्ठ और 80 किलोग्राम वज़न का कुरआन बना आकर्षण का केंद्र
प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया-पैगंबर मोहम्मद (पीबीयूएच) के तीसरे खलीफा हजरत उस्मान गनी (आरए) की और से संग्रहित पहले कुरान की हस्तलिखित आयतें 1087 पृष्ठ और 80 किलोग्राम वज़नी प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण था। 1907 में भारत के लुधियान में छपी सात रंगीन पवित्र कुरान को प्रदर्शनी में प्रमुख स्थान मिला है। विश्व की सबसे बड़ी पवित्र कुरान एक हजार चार सौ सतासी फीट बाई दो फीट आकार और, 12 फीट 24 फीट प्रदर्शनी में मौजूद है। दुनिया की 73 भाषाओं में कुरान के अनुवाद यहा रखे गये है, जिनमें गढ़वाली और कुमाऊनी अनुवाद भी शामिल है।