देहरादून। The shortage of doctors in state will be overcome प्रदेश में सरकारी हॉस्पिटलों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने और स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने नया फार्मूला तैयार किया है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों की कमी के लिए गैप स्टडी कर योजना बना रही है,दूरदराज के क्षेत्रों स्वास्थ्य केंद्रों में समीपवर्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और अन्य चिकित्सालयों से रोटेशन के आधार पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के सेवा अवधि की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल करने को राज्य केबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। प्रदेश के सरकारी हॉस्पिटलों खासकर पर्वतीय जिलों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की काफी कमी है,पर्वतीय जिलों में डॉक्टरों की कमी के कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।इसीलिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डॉक्टरों की सेवा उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल करने का प्रस्ताव सरकार को दिया था।
स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड डॉ.आर.राजेश कुमार ने कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा कमी विशेषज्ञ डॉक्टरों की है,प्रदेश सरकार ने संविदा पर विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रति माह चार से छह लाख रुपये तक मानदेय देने को भी तैयार है। इसके बाद भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं,अब विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए सेवा के लिए आयु सीमा 65 साल किया गया है।
पर्वतीय जिलों में डॉक्टरों के न होने के कारण मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है। अब इस समस्या के लिए प्रदेश सरकार फार्मूला तैयार किया है। जिन क्षेत्रों में जहां डॉक्टर नहीं हैं, ऐसे क्षेत्रों में रोटेशन पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाएगी, जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। वर्तमान में डॉक्टरों की आवश्यकता और कमी को लेकर गैप स्टडी कराकर योजना बनाने पर काम किया जा रहा है। डॉक्टरों के ठहरने के लिए आवासों की व्यवस्था कराई जाएगी।