22 सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रेड यूनियन 16 फरवरी को करेगी हड़ताल

22 सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रेड यूनियन 16 फरवरी को करेगी हड़ताल
देहरादून। Trade union will go on strike on 16th February पूर्व कैबिनेट मंत्री व इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 फरवरी को होने वाली हड़ताल के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग करेंगे कि इन मजदूर, किसान व जनविरोधी फैसलों को तत्काल वापस लेने हेतु केन्द्र सरकार को निर्देशित करें।

बुधवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बिष्ट ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार व उत्तराखण्ड सरकार मेहनतकश लोगों के जीवन और आजीविका पर बर्बर हमले कर रही है और विभिन्न कानूनों, अध्यादेशों और नीतिगत अभियानों के माध्यम से श्रमिक विरोधी-किसान विरोधी और जन विरोधी कदम उठा रही है। यह सरकार राजव्यवस्था और संवैधानिक संस्थाओं का साम्प्रदायिकरण कर रही है तथा यौन उत्पीडन के आरोपी अपराधियों को बेशर्मी से बचा रही है।

उन्होंने कहा कि कानून व व्यवस्था पर से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है। विपक्षी 146 सांसदों को निलम्बित कर सरकार के द्वारा हाल ही में चालकों व जन विरोधी काले कानून मोटर वाहन अधिनियम 2023 को संसद में विपक्ष की अनुपस्थिति में पारित किया गया है जिसके तहत दुघर्टना के पश्चात सात साल की सजा व दस लाख रूपये जुर्माना होगा जिसका सर्वत्र विरोध किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस सरकार के द्वारा करोना काल में जब दुनिया में त्राही-त्राही मची थी तो 2020 में आपदा को अवसर में बदलते हुए 44 श्रम कानूनों में से 29 श्रम कानूनों को समाप्त किया गया तथा मालिकों व पूंजीपतियों के हितों में चार श्रम संहिताएं बनायी गयी है। जिससे मजदूर वर्ग को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा सार्वजनिक सम्पत्तियों को बडी ही चालाकी से पंूजीपतियों को कौडी के भाव से बेच रही है। उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को होने वाली हडताल के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग करेंगे कि इन मजदूर, किसान व जनविरोधी फैसलों को तत्काल वापस लेने हेतु केन्द्र सरकार को निर्देशित करें। प्रेस वार्ता में महेन्द्र जखमोला, अशोक शर्मा, लेखराज आदि मौजूद थे।