Government is misleading in UKSSSC paper leak case
उत्तराखंड क्रांति दल ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया
देहरादून। Government is misleading in UKSSSC paper leak case उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सरकार इस मामले से जनता का ध्यान भटकाने के लिए रोज नई कवायद कर रही है और दोषियों को बचाने में लगी है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारियों की जांच विजिलेंस से कराए जाने और बाकी छोटे आरोपियों की जांच एसटीएफ से कराए जाने पर भी यूकेडी नेता सेमवाल ने सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि एक ही मामले की जांच दो अलग-अलग एजेंसियों को देने से साफ है कि सरकार बड़े अधिकारियों को बचाना चाहती है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं की जिम्मेदारी हटाकर यूकेपीएससी को दिए जाने पर भी यूकेडी नेता सेमवाल ने सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जब यूकेएसएससी से अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक जैसे अधिकारी बदल दिए हैं तो फिर आखिर क्या कारण है कि सरकार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारी कर्मचारियों को लोकायुक्त कार्यालय की तरह बिना काम के वेतन देना चाहती है!
सेमवाल ने कहा कि यूकेपीएससी पहले से ही अपनी रुटीन परीक्षाएं नहीं करा पा रहा है और कई परीक्षाओं में घोटालों के भी सीधे आरोप यूकेपीएससी पर भी लगते रहे हैं, ऐसे में यूकेएसएसएससी को ही सही नीयत के साथ परीक्षाओं की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए थी।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि पेपर लीक मामले से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार कभी कॉमन सिविल कोड तो कभी नए जिले बनाने और कभी भू कानून का शिगूफा छोड़ रही है लेकिन जनता किसी भी हाल में पेपर लीक मामले से अपना ध्यान नहीं भटकने देगी और बेरोजगार अभ्यर्थी इसकी सीबीआई जांच की मांग पर अड़े रहेंगे।
यूकेडी नेता ने आरोप लगाया कि सरकार पेपर लीक के लिए पैसे देने वाले अभ्यर्थियों के भी नाम सार्वजनिक नहीं कर रही है, इससे लगता है कि सरकार दोषियों को बचाने में लगी है। यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सरकार ने कुछ परीक्षाएं रद्द करके यह दिखाने की कोशिश की है कि सरकार सही काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की जा रही है और जिनमें 36 गिरफ्तारियां हो चुकी है उन भर्तियों से ध्यान हटाने के लिए दूसरी परीक्षाओं को केवल शक के आधार पर रद्द किया जा रहा है।
यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि मेहनती अभ्यर्थियों के साथ न्याय होना चाहिए और कोई भी परीक्षा रद्द करने के बजाए पेपर लीक में दोषी लोगों को पकड़ा जाना चाहिए। और यदि राज्य सरकार इसमे असमर्थ है तो इसकी जांच सीबीआई को सौप देनी चाहिए। यूकेडी नेता सेमवाल ने कहा कि यदि भर्ती घोटाले की सीबीआई से जांच नहीं हुई और सरकार ने ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कदम उठाए तो फिर व्यापक जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
जरा इसे भी पढ़े
रोडवेज में आउटसोर्सिंग भर्तियों के विरोध में यूकेडी मुखर
जिलाधिकारी ने किया शराब की तीन दुकानों का औचक निरीक्षण, लगाया 30 हजार का अर्थदण्ड
रन फॉर योग के तहत दौड़ में शामिल हुए सीएम धामी