Congress protests over CBI probe
देहरादून। Congress protests over CBI probe उत्तराखण्ड कांग्रेस द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में देहरादून के गांधी पार्क में अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में सीबीआई जॉच एवं वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग को लेकर दो दिवसीय (24 घण्टे) का धरना प्रदर्शन किया गया। धरने में भारी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए।
अंकित हम शर्मिदा हैं तेरे कातिल जिन्दा हैं, सीबीआई की जॉच कराओं अंकिता को न्याय दिलाओ, वीआईपी का नाम बताओं, इत्यादी नारों से गांधी पार्क परिसर गुजांएमान हो उठा। उपस्थित लोगो में अंकिता हत्याकांड के तीन महिने बीत जाने के बावजूद भी वीआईपी के नाम का खुलासा न होने के कारण भारी आक्रोश देखने को मिला।
#24_घंटे_का_धरना
आज मैं गांधी पार्क देहरादून में 24 घंटे के #धरने पर बैठा हूं।
हे ईश्वर, हे केदार बाबा,हे बद्री विशाल
अंकिता भंडारी की आत्मा को न्याय दो।
हे सरकार हमारी बेटी की आत्मा को न्याय दिलाने का विकल्प बनाएं।।#बेटियां_मांगे_न्याय #justiceforankitabhandari @pushkardhami pic.twitter.com/5FSPPQ8DTx— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 26, 2022
आम जन राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जॉच से असंतुष्ट दिखी। धरने के दौरान मीडिया बन्धुओं से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार में उत्तराखण्ड राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
रावत ने भाजपा सरकार को आढे़ हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार में राज्य की कानून व्यवस्था लचर अवस्था में पहुॅच गयी है। आये दिन महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं घटित हो रही है।
वीआईपी को एकस्ट्रा सर्विस देने के लिए दबाव डाला
यमकेश्वर ब्लॉक के वंननतरा रिर्जाेट में घटित अंकिता हत्याकांड जैसी विभत्स घटना से उत्तराखंड राष्ट्रीय पटल पर शर्मसार हो गया है। पौडी जिले की बेटी अंकिता भण्डारी जो मात्र अपनी मौत से 15 दिन पहले भाजपा सरकार में राज्य मंत्री रहे डॉ विनोद आर्य के रिजोर्ट में रिसेपसनिस्ट के पद पर नौकरी में लगायी गयी थी उसका विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य ने मानसिक उत्पीडन किया तथा किसी वीआईपी को एकस्ट्रा सर्विस देने के लिए दबाव डाला।
राज खुलने के डर से अंकिता को चीला नहर फेंक दिया जिस घटना को सुनकर हर किसी की रूह कांप गयी और घटना के तीन माह बीत जाने के बाद भी उत्तराखण्ड की सरकार और पुलिस प्रशासन मामले की लीपापोती में जुटे हैं।
रावत ने अंदेशा जताया कि कहीं न कहीं जिस वीआईपी को बचाने का ऐढीचोटी का जोर लगाया जा रहा वो इतना बडा नाम है कि उसका खुलासा करने से भाजपा को बेनकाब होने का डर है। रावत ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढती जा रही हैं।
भाजपा सरकार में अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। भाजपा नेता के बिना अनुमति के चल रहे रिजार्ट में राज्य की बेटी अंकिता भण्डारी के साथ हुई जघन्य अपराध की घटना इसका जीता जागता उदाहरण है। रावत ने कहा कि आज उत्तराखण्ड की बेटियां अपने ही राज्य में सुरक्षित नही है?
पुलिस प्रशासन की मौजुदगी में दो बार आग कैसे लग गयी : Harish Rawat
रावत ने कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड में बहुत सारे सवाल उलझे हुए हैं बहुत से ऐसे सवाल हैं जो अनुउत्तरित हैं। जैसे रिजोर्ट में बुलडोजर किसके आदेशों से चलाया गया, क्यों चलाया गया, रिजोर्ट को सील क्यों नही किया गया, रिजोर्ट में पुलिस प्रशासन की मौजुदगी में दो बार आग कैसे लग गयी।
क्या इस लापरवाही के लिए किसी की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गयी? उन्होनें कहा कि जबसे भाजपा सत्ता में आई है तब से राज्य की कानून व्यवस्था अपने निम्न स्तर पर पहुॅच चुकी है। भाजपा सरकार में न तो बच्चियॉ सुरक्षित हैं और न महिलाएं।
पिछले छः माह के अन्दर राज्य में महिलाओं के साथ घटित घटनाएॅ इसका प्रमाण हैं। उन्होनें कहा कि राज्य के मैदानी जनपद ही नही अपितु पर्वतीय जनपदों में भी महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। रावत ने कहा कि बेटी पढाओं-बेटी बचाओं का नारा केवल भाजपा का चुनावी जुमला बनकर रह गया है।
उत्तराखण्ड अपने को शर्मशार महसूस कर रहा : Harish Rawat
उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में यहां की महिलाओं का अतुलनीय योगदान रहा है तथा आन्दोलन में कई आन्दोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी थी। परन्तु आज जिस प्रकार भाजपा की सरकार में महिलाओं आये दिन बलात्कार एवं हत्या जैसे जघन्य अपराधों का शिकार हो रही हैं उससे पूरा उत्तराखण्ड अपने को शर्मशार महसूस कर रहा है।
उन्होनें सरकार से मांग की है कि अंकिता भण्डारी प्रकरण के दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जॉच मा0 उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में हों ताकि वीआईपी का नाम उजागर हो सके और सत्य सबके सामने आ सके।
धरने में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह कुंजवाल, हीरा सिंह बिष्ट, मंत्री प्रसाद नैथानी, संगठन महामंत्री विजय सारस्वत, राजपाल खरोला, सतपाल ब्रहमचारी, सीपीआई समर भण्डारी, एस0एस0 पांगती, प्रकाश थपलियाल, पूर्व विधायक ओम गोपाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष जसविन्दर सिंह गोगी, पूरन सिंह रावत, नजमा खान, मनीष नागपाल, कमल रावत, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, सरोज देवराडी, आशा टम्टा, अम्बीका चौहान, रितेश क्षेत्री आदि शामिल रहे।