Great importance of the word yoga in Indian culture
देहरादून। Great importance of the word yoga in Indian culture प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जा रहा है। आध्यात्मिक दृष्टि से योग शब्द का अर्थ अपने आप को परमात्मा से जोड़ना है। महर्षि पतंजलि ने कहा है कि चित्त की वृत्तियों को शांत करना योग कहलाता है।
यह बात प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम प्रबंधन मंत्री सतपाल महाराज ने तुलाज इंस्टीट्यूट परिसर में सुकामना फाउंडेशन एंड ट्रस्ट द्वारा मंगलवार को आयोजित आठवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कही।
8 वें 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' पर देहरादून स्थित TULA's INSTITUTE में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर बच्चों को योग के प्रति जागरूक किया तथा सभी से योग को जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प दिलवाया।
आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।🙏 pic.twitter.com/Yw1RLS8cwu
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) June 21, 2022
इस दौरान तुलास् इस्टीट्यूट एवं पैट्रोलियम यूनिवर्सिटी के छात्र- छात्राओं ने विभिन्न आसनों के माध्यम से योग का सामुहिक प्रदर्शन भी किया। कैबिनेट मंत्री श्री महाराज ने आठवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनायें देते हुए कहा कि योग शब्द का भारतीय संस्कृति में बडा महत्व है।
योग शब्द का विभिन्न अर्थों में प्रयोग किया गया है : Satpal Maharaj
गणित में दो या दो से अधिक संख्याओं के जोड़ को योग कहते हैं। चिकित्सा शास्त्र में विभिन्न औषधियों के मिश्रण को योग कहते हैं। यहां तक कि ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की विभिन्न स्थितियों को भी योग कहते हैं। इस प्रकार से बहुत से अन्य क्षेत्रों में योग शब्द का विभिन्न अर्थों में प्रयोग किया गया है।
आध्यात्मिक दृष्टि से योग शब्द का अर्थ अपने आप को परमात्मा से जोड़ना है। महर्षि पतंजलि ने शरीर की वृत्तियों को शांत करने के लिए योग के महत्व को बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज के दिन पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जा रहा है।
भारत द्वारा शुरू किये गये योग की ख्याती आज पूरे विश्व में फैल चुकी है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का विश्व के 175 सदस्य देशों द्वारा समर्थन किया गया। आजकल की भाग-दौड़ वाली जिंदगी में खान पान के तरीकों के चलते लोगों को स्वस्थ्य संबंधी बहुत अधिक समस्यायें हैं।
ऐसे में लोग इन समस्याओं से राहत पाने के लिए कई तरह की दवाओं का सेवन करते हैं। कुछ समय के लिए तो यह सही हैं लेकिन हमेशा के लिए दवाइयों पर निर्भरता शरीर के लिए घातक है। अगर आप चाहें तो व्यायाम और योगासन के द्वारा अपनी बिगड़ती सेहत को सुधार सकते हैं।
महामारी के दौरान योग एक मजबूत ढाल के रूप में दिखाई दिया : Satpal Maharaj
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर तुलास् इंस्टीट्यूट के साथ-साथ अन्य इंस्टिट्यूट से आए छात्र छात्राओं से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोविड जैसी महामारी के दौरान योग एक मजबूत ढाल के रूप में दिखाई दिया है।
नियमित रूप से और सही तरह से आसान योग करने पर स्वस्थ तन और सुंदर मन मिलता है। फिट और स्वस्थ रहने के लिए आजकल हेल्थ क्लब्स, स्कूल्स और हॉस्पिटल्स में भी योग करवाया जाने लगा है। उन्होंने बताया कि इस बार योग का यह आयोजन मानवता के लिए योग की थीम पर आधारित है। इसलिए हम सभी को मिलकर ऐसे आयोजनों को सफल बनाने के साथ-साथ योग की लोकप्रियता को आगे बढ़ाने का काम करना है।
इस अवसर पर तुलाज इंस्टीट्यूट के सुनील कुमार जैन, रौनक जैन, राघव गर्ग, संदीप विजया, डीन शिक्षाविद निशान्त सक्सेना, डीन कृषि और प्रबंधन डॉ. रनित किशोर, पवन कुमार आदि मौजूद थे।
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