Investigation of recruitments for only two terms of the assembly
देहरादून। Investigation of recruitments for only two terms of the assembly पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह बोले, विधानसभा में 2012 से पहले कब विज्ञप्ति जारी कर भर्ती परीक्षा कराई, बताए विधानसभा, आरटीआई में पूछा कि राज्य गठन के बाद अभी तक किस नियम से हुई भर्ती, विधानसभा की सिर्फ दो कार्यकाल की ही जांच कराने पर भी उठाए सवाल देहरादून।
राज्य गठन से लेकर 2022 तक विधानसभा भर्ती को लेकर क्या क्या प्रक्रिया अपनाई गई, इसे लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा से सूचना के अधिकारी में अहम जानकारियां मांगी हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष की इस आरटीआई से पूरे विधानसभा में हड़कंप मचा हुआ है।
प्रीतम सिंह का कहना है कि जब राज्य गठन से लेकर आज तक एक ही तरह से भर्तियां हुई हैं, तो जांच कैसे अलग अलग हो सकती है। यदि जांच सिर्फ दो कार्यकाल में हुई भर्तियों की हो रही है, तो ये सीधे तौर पर भेदभाव है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि 2000 में बनी अंतरिम सरकार से लेकर 2022 तक एक ही तरीके से भर्ती हुई है। विधानसभा बताए कि क्या कभी प्रक्रिया में कोई बदलाव हुआ है। बताया जाए कि अंतरिम सरकार में कैसे भर्ती हुई। कब भर्ती को लेकर विज्ञप्ति निकाली गई, कब पेपर हुआ और परीक्षा कहां कराई गई।
राज्य में 2003 में ही तदर्थ भर्ती पर रोक लग गई थी
यदि गड़बड़ी सिर्फ दो ही कार्यकाल में हुई है, तो स्पष्ट किया जाए कि क्या बाकि तीन कार्यकाल में हुई भर्तियों में मानकों का पूरा पालन किया गया। राज्य में 2003 में ही तदर्थ भर्ती पर रोक लग गई थी। ऐसे में कैसे अभी तक तदर्थ भर्ती हुई। यदि पूर्व की तदर्थ भर्ती सही हैं, तो बाद के दो कार्यकाल की तदर्थ भर्ती कैसे गलत हुईं। ये सब स्पष्ट किया जाए।
उन्होंने विधानसभा से पूछा कि बताया जाए कि अभी तक विधानसभा में हुई भर्तियों में क्या आरक्षण मानकों का पालन किया गया। भर्ती का ब्यौरा भी 2000 से 2002, वर्ष 2002 से 2007, वर्ष 2007 से 2012, वर्ष 2012 से 2017 और 2017 से 2022 तक का मांगा गया है।
पूरे 22 साल के सभी संवर्गों में सृजित पद, उन पदों पर कार्यरत कर्मचारी, अधिकारियों की शैक्षिक योग्यता का ब्यौरा मांगा गया है। प्रीतम सिंह ने राज्य गठन के समय यूपी से विधानसभा में आए कर्मचारियों का भी ब्यौरा मांगा है। पूछा है कि राज्य बनने पर उत्तराखंड विधानसभा को कितने पद मिले।
सवाल किया कि कब और कैसे तदर्थ कर्मचारी विधानसभा में नियमित हुए। आरटीआई में पूछा गया है कि वर्ष 2000 से 2022 तक विधानसभा सचिवालय के लिए पदों के सृजन की मंजूरी कब कब कैबिनेट और मुख्यमंत्री के स्तर पर दी गई। इन तमाम स्वीकृतियों से जुड़ी फाइल का भी ब्यौरा मांगा गया है।
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