डब्लूआईसी में कवि सम्मेलन शाम ऐ अदब का हुआ आयोजन

Poetry Sammelan Sham-e-Adab organized in WIC
कवि सम्मेलन में उपस्थित अतिथि।

Poetry Sammelan Sham-e-Adab organized in WIC

देहरादून। Poetry Sammelan Sham-e-Adab organized in WIC भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के शुभ अवसर पर, डब्लूआईसी इंडिया,  देहरादून ने कवि सम्मेलन शाम ऐ अदब का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने देहरादून और उत्तराखंड के युवा और नवोदित कवियों और लेखकों को साहित्य और कविता के लिए अपनी क्षमता दिखाने के लिए एक मंच प्रदान किया।

डॉ महेश भट्ट, सर्जन और लेखक, डॉ कौशिक घोष, फेकल्टी स्कूल ऑफ़ कंप्यूटर साइंस, यूपीईएस, देहरादून, नूपुर झा, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर स्कूल फॉर लाइफ, डॉ साची नेगी, असिस्टेंट प्रोफेसर, डी आईटी यूनिवर्सिटी, देहरादून इस कवि सम्मेलन  के पैनलिस्ट थे।

विभिन्न आयु समूहों के 30 से अधिक प्रतिभागियों ने इस कवि सम्मेलन में भाग लिया और अपनी पसंदीदा कविता या उनके द्वारा लिखी गई कविता का पाठ करके अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। एनआईवीएच  से सतेन्द्र शर्मा द्वारा विद्या गीत|

अपोलो इंटरनेशनल स्कूल से अंजलि तिवारी ने अपनी कविता, क्या बात है मेरे भारत की, आईआरडीई  से पवन कुमार ने अपनी कविता, हर घर हर छत चलो  तिरंगा लहर लहर फैलाना है , स्वाति उनियाल द्वारा माँ भारती  के वीर जवान, प्रत्यूष सक्सेना द्वारा  कटघरे में भारत माता, शैली श्रीवास्तव द्वारा कोशिश तू करता चल|

शोमल रंजन द्वारा हमारी अमृत यात्रा, सत्या प्रकाश शर्मा द्वारा घर घर में तिरंगा हो, राजकीय माध्यमिक कॉलेज की तनूजा द्वारा आजादी क्या होती है ,  राजकीय माध्यमिक कॉलेज की वंशिका द्वारा मै उस भारत से आती हूँ, दून यूनिवर्सिटी से आसिफ द्वारा कश्मीर हमारा है और हमारा रहेगा  दर्शको को सुना कर मनमोह लिया।

सेंट जोजफ एकडेमी देहरादून के छात्र  रूद्र द्वारा अपनी कविता  ये देश है वीर जवानो का रैप में  गा कर  दर्शको को उत्साहित किया।  इस अवसर पर पेनलिस्ट  डॉ.महेश भट्ट, सर्जन, लेखक, सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार  ने कहा, ‘ऐसे प्रतिभाशाली कवियों के बीच उपस्थित होना एक सम्मान की बात है।

मैं सभी कवियों और लेखकों को अपनी कविताओं के माध्यम से हमारे साथ अपने मन और विचारों को साझा करने के लिए धन्यवाद देता हूँ। सुशांत वशिष्ठ, ईटीए एजुकेशन सर्विसेस ने कहा, डब्ल्यूआईसी इंडिया के साथ जुड़कर और कविता के प्रति उत्साही लोगों के लिए शाम-ए-अदब 2022 का आयोजन करना हमारे लिया गर्व की बात है।

प्रतिभाशाली कवियों को एक छत के नीचे लाने और उनकी प्रतिभा को पहचानने का यह हमारा छोटा सा प्रयास है। कार्यक्रम के  अन्त में सभी प्रतिभागियों को शाम-ए-अदब कार्यक्रम का प्रमाण पत्र भी  पैनलिस्टों द्वारा दिया गया  इस कार्यक्रम में महिला समाख्या की संस्थापक गीता गैरोला और डब्ल्यूआईसी इंडिया के सदस्यों सहित 150 लोगों ने भाग लिया।

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